नई दिल्ली। Norway Chess Open : भारत के सबसे युवा ग्रांडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने नॉर्वे चेस ओपन का खिताब जीत लिया है। 16 साल के प्रज्ञानानंद ने ओपन चेस टूर्नामेंट में 7.5 अंक हासिल किए और सभी नौ राउंड में अजेय रहे। इस टूर्नामेंट में उन्हें पहले ही टॉप सीड दी गई थी। आखिरी मैच में प्रज्ञानानंद ने अपने हमवतन खिलाड़ी वी प्रणीत को हराकर खिताब जीता। इससे पहले उन्होंने विक्टर मिखालेवस्की को आठवें दौर में और वितली कुनिन को छठे दौर में पराजित किया था। चौथे दौर में उन्होंने मुखामदजोखिद सुयारोव, दूसरे दौर में सीमन मुतोसोव और पहले राउंड में मथियास उनलैंड को हराया था। वहीं, उनके बाकी तीन मैच ड्रॉ रहे।
Commonwealth Games : भारत की फीमेल बॉक्सिंग टीम तय, इन्होंने किया क्वालिफाई
प्रज्ञानानंद पिछले कुछ समय से शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन को दूसरी बार हराया और चेसएबल मास्टर्स के फाइनल में चाइना के डिंग लिरेन से हारे थे। Norway Chess Open में प्रज्ञानानंद के बाद इजराइल के आईएल मार्सल इफरोइमिस्की दूसरे, स्वीडन के आईएम जुंग मिन सेओ और प्रणीत छह अंक के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि, टाइब्रेक में खराब स्कोर के कारण उन्हें छठे स्थान पर रखा गया था। अगले महीने चेन्नई में होने वाले 44वें चेस ओलंपियाड में प्रज्ञानानंद भारत की बी टीम का हिस्सा होंगे।
IND vs SA 2nd T20: कटक पहुंची टीम इंडिया, इस मैदान में रिकॉर्ड भारत के पक्ष में
कोच ने दी शुभकामनाएं
Norway Chess Open में जीत के बाद प्रज्ञानानंद के कोच आरबी रमेश ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह जीत उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी। उन्होंने कहा “जीत के लिए उन्हें शुभकामनाएं। वो टॉप सीड खिलाड़ी थे, इसलिए कोई चौकने वाली बात नहीं है कि टूर्नामेंट जीते हैं। वो कुलमिलाकर अच्छा खेले। काले मोहरों के साथ तीन मैच ड्रॉ कराए और बाकी मैच अपने नाम किए। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।“
AFC Asian Cup qualification में आज अफगानिस्तान से भिड़ेगा भारत
भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं प्रज्ञानानंद
प्रज्ञानानंदा ने 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल कर लिया था। वो भारत के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर हैं। वहीं, साल 2018 में वो दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर थे। उनसे पहले सिर्फ यूक्रेन के सिर्जी कर्जाकिन साल 1990 में सिर्फ 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे।