6 महीने बाद बिना फिटनेस टेस्ट IPL 2020 के मैदान पर लौटे खिलाड़ी
आईसेलेशन-पाबंदियों ने मानसिक तौर पर थकाया
यूएई। IPL 2020 अभी शुरू ही हुआ है कि क्रिकेटरों की फिटनेस ने टीमों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, इस सीजन में चोटिल खिलाडिय़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मिचेल मार्श और रविचंद्रन अश्विन जहां IPL मैचों के दौरान चोटिल हुए, वही इशांत शर्मा, केन विलियम्सन, क्रिस मोरिस, नॉथन कुल्टरनाइल और ड्वेन ब्रावो तैयारियों के दौरान अनफिट हो गए थे।
खेलों से संबंधित चोटों के विशेषज्ञों के अनुसार IPL 2020 में क्रिकेटरों के चोटिल होने की संख्या काफी ज्यादा बढऩे वाली है। इसका कारण क्रिकेटरों का लंबे समय बाद मैदान पर वापसी के साथ ही आइसोलेशन की मानसिक थकावट भी है। ऐसे में अगर खिलाडिय़ों की फिटनेस पर ध्यान नहीं दिया गया तो टीमों की मुश्किलें बहुत बढ़ सकती है।
आईसोलेशन से मानसिक स्तर पर खिलाड़ी अधिक प्रभावित
जानकारों के अनुसार इस बार IPL में जिस तरह Corona गाइडलाइन के कारण पाबंदियां और आइसोलेशन अनिवार्य किया गया है उससे क्रिकेटरों की मानसिक थकावट बढ़ेगी और रिकवरी भी प्रभावित होगी। क्रिकेटर पहले से ही छह माह से नहीं खेले हैं। ऊपर से उन्होंने 14 दिन का एकांतवास काटा है, साथ ही उन्हें होटल में एक दूसरे के कमरे में जाने की इजाजत तो छोड़ें पास बैठने की भी अनुमति नहीं है। सब कुछ अकेले करना है। क्रिकेटर इसके आदी नहीं हैं। इससे क्रिकेटरों की मानसिक फिटनेस पर असर पड़ेगा जो मैदान पर असर दिखाएगी।
6 महीने बाद मैदान पर लौटे, Yo Yo Test भी नहीं
IPL से जुड़े जानकारों के अनुसार इतने लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहने के बाद खिलाडिय़ों की फिटनेस के साथ ही लचीलापन प्रभावित हुआ। फिर यूएई का मौसम भी गर्म है। यह सभी क्रिकेटरों के चोटिल का होने का लक्षण है। जिन क्रिकेटरों ने लॉकडाउन में अपने शरीर पर मेहनत की है। उन्हें फायदा मिलेगा। IPL में yo yo test अनिवार्य नहीं है। अगर इस वक्त सभी का yo yo test कराया जाए तो 80 प्रतिशत क्रिकेटर अनफिट निकलेंगे।