Rajasthan: 18 साल की उम्र में ACF बनेंगे शूटर दिव्यांश
जयपुर। Rajasthan में 153 और खिलाड़ियों को राजकीय सेवा में सीधे नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत ग्रेड-ए में 2, ग्रेड-बी में 5 तथा ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दी जाएगी।
प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने एवं खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए #Rajasthan के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 153 खिलाड़ियों को राजकीय सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 27, 2021
आउट ऑफ टर्न सर्विस के तहत करीब 2 महीने पहले 11 खिलाड़ी ग्रेड-ए में डीएसपी और एसीएफ बने थे। ऐसे में अब 18 साल की उम्र में ही दुनिया के नंबर वन निशानेबाज और ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके दिव्यांश पवार वन विभाग में सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) बनेंगे। ओलिंपिक कोटा हासिल करने वाले दिव्यांश सिंह पंवार वैसे तो डीएसपी बनना चाहते थे लेकिन इसके लिए 21 साल की उम्र जरूरी है। इसके लिए वे 3 साल इंतजार नहीं करना चाहते। दिव्यांश के पिता ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि वह एक बार नौकरी जॉइन कर ले और अपने खेल पर फोकस करे और देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीते।’
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अवनी को मिलेगी ग्रेड-ए की नौकरी
राजस्थान सरकार के निर्णय के अनुसार पैरालिंपिक कोटा पाने वाली Rajasthan की शूटर अवनी लेखरा को ग्रेड-ए में सहायक वन संरक्षक बनाया जाएगा। जबकि ग्रेड-बी में ताइक्वांडो के जरनैल, एथलीट शेर सिंह पुलिस में उप-निरीक्षक, हैंडबॉल खिलाड़ी उमा को क्षेत्रीय वन अधिकारी, एथलीट खेताराम को शारीरिक प्रशिक्षक अनुदेशक-द्वितीय और नौकायन खिलाड़ी जाखर खान आबकारी रक्षक बनेंगे। सरकार ने 146 खिलाड़ियों को ग्रेड-सी में नियुक्ति प्रदान किए जाने का निर्णय किया है। इनमें से 119 खिलाड़ियों को अभी नियुक्ति दी जाएगी एवं 27 को वेरीफिकेशन के बाद।
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मैं चाहता हूं, Rajasthan के हर मेडलिस्ट को नौकरी मिलेः चांदना
इस संबंध में Rajasthan के खेल मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि वे चाहते थे कि जूनियर इंटरनेशनल मेडलिस्ट को भी आउट ऑफ टर्न नौकरी में शामिल किया जाए। इस बारे में उन्होंने कहा, इसको लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। हमारा पहला प्रोसेस पूरा हो गया है। अब हम जूनियर इंटरनेशनल मेडलिस्ट को आउट ऑफ टर्न नौकरी के लिए प्रयास करेंगे। इसके लिए नियम में संशोधन करना पड़ेगा तो उसके लिए भी कोशिश की जाएगी। मेरी कोशिश होगी की मेरे खेलमंत्री रहते इस तरह की प्रक्रिया हो जाए कि राजस्थान के हर नेशनल और इंटरनेशनल मेडलिस्ट खिलाड़ी को ऑटोमेटिक नौकरी मिल जाए।’