Lionel Messi: 36 साल के हुए मेसी; जीत ली दुनिया, अभी बाकी है पूरा आसमां

0
87
Advertisement

बार्सिलोना। Lionel Messi: बात 17 अक्तूबर 2004 की है। स्पेन में बार्सिलोना और एस्पेनयोल क्लब के बीच ला लिगा (स्पेन में फुटबॉल लीग का नाम) का मैच चल रहा था। मुकाबले के 82वें मिनट में दिग्गज खिलाड़ी डेको को सब्सीट्यूट करने का फैसला किया गया। उनके स्थान पर बार्सिलोना ने एक 17 वर्षीय फुटबॉलर को मैदान पर भेजा। उस समय किसी को हैरानी नहीं हुई। यह खिलाड़ी बार्सिलोना की जूनियर टीमों में तहलका मचा चुका था। सबको यह देखना था कि पहले सीनियर मैच में वह कैसा प्रदर्शन करता है। उसे कुछ ही मिनट खेलने को मिले, लेकिन सबने यह देख लिया कि फुटबॉल को एक नया सितारा मिल गया है। उसने बार्सिलोना क्लब के इतिहास में ही नहीं, बल्कि फुटबॉल इतिहास में अपने नाम को सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। वह आज सर्वकालिक महान खिलाडिय़ों में एक माना जाता है। उसका नाम लियोनल आंद्रेस मेसी है। मेसी शनिवार (24 जून) को 36 साल के हो गए।

Suryakumar Yadav भारतीय टेस्ट टीम से बाहर, लेकिन अचानक आ गया नई टीम से बुलावा

शुरुआत से ही मनवाया प्रतिभा का लोहा

अर्जेंटीना के महान क्रांतिकारी नेता चे ग्वेरा के शहर रोजारियो में जन्मे मेसी के फुटबॉलर बनने की कहानी भी रोचक है। जब Lionel Messi 13 साल के थे तब बार्सिलोना की नजरों में आए। दरअसल, बार्सिलोना फुटबॉल क्लब प्रतिभावान खिलाडिय़ों के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम चला रहा था। तभी मेसी के पिता को कहीं से इस बात की खबर लगी और उन्होंने बार्सिलोना एफसी से संपर्क किया। फुटबॉल क्लब बार्सिलोना के स्पोर्टिंग निदेशक कार्लेस रेक्सैक ने मेसी की प्रतिभा के चर्चे सुन रखे थे। उन्होंने लियोनेल मेसी के साथ इस शर्त पर कॉन्ट्रैक्ट साइन किया कि वह अपने परिवार के साथ स्पेन में ही आकर रहेंगे। सबसे खास बात यह रही कि मेसी के साथ करार साइन करते वक्त जब कार्लेस रेक्सैक को आस-पास कोई कागज नहीं मिला, तो उन्होंने मेसी से नैपकिन पर ही कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया।

IND vs WI: टीम सलेक्शन में फिर दोहराई पुरानी गलतियां, 3 बड़ी चूक कर गए सलेक्टर्स

मेसी थे बौनेपन के शिकार

परिवार की हालत उतनी अच्छी नहीं थी। उनके पिता कारखाने में काम करते थे और मां क्लीनर थी। मेसी बौनेपन के भी शिकार थे। हालत इतनी गंभीर थी कि इलाज के लिए पैसे नहीं थे। यहां तक कि जब Lionel Messi ट्रायल देने गए थे तब भी लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था। इसके बावजूद उन्होंने खुद को कम नहीं आंका और अपनी प्रतिभा के दम पर नाम कमाया।

World Cup Qualifier: श्रीलंका की लगातार दूसरी जीत, स्कॉटलैंड ने UAE को किया एलिमनेट

बार्सिलोना के लिए सबकुछ जीता

मेसी को बार्सिलोना क्लब से बहुत प्यार है। वह 2004 से 2021 तक इस टीम के साथ खेले। 2021 में भी क्लब नहीं छोडऩा चाहते थे, लेकिन अंत समय में जब बार्सिलोना आर्थिक रूप से कोई रास्ता नहीं निकाल पाया तो Lionel Messi को रोते हुए क्लब से बाहर जाना पड़ा। मेसी ने बार्सिलोना के लिए रिकॉर्ड का अंबार लगा दिया। उन्होंने 778 मैच में 672 गोल दागे।

Taipei Open 2023: एच एस प्रणॉय क्वाटरफाइनल में हारे, टूर्नामेंट से सभी भारतीय खिलाड़ी बाहर

मेसी को खल रही थी अंतरराष्ट्रीय जीत की कमी

मेसी ने बार्सिलोना के साथ 34 प्रमुख ट्रॉफियां जीतीं, लेकिन उनके दिल में अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं जीतने की टीस थी। अर्जेंटीना के लिए मेसी ने 2004 में डेब्यू किया था। 2021 तक टीम के लिए खेलते हुए उन्हें 17 साल हो गए थे। वह इस दौरान चार बार विश्व कप और पांच कोपा अमेरिका टूर्नामेंट में हार चुके थे। इनमें 2014 विश्व कप का फाइनल शामिल है। तब Lionel Messi ने अपनी कप्तानी में टीम को फाइनल तक तो पहुंचाया, लेकिन वह जर्मनी को नहीं हरा पाए थे। मेसी टूर्नामेंट के बेस्ट प्लेयर चुने गए थे, लेकिन खिताब उनसे दूर रह गया था। वहीं, दक्षिण अमेरिका के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट कोपा अमेरिका में वह तीन फाइनल 2021 से पहले हार चुके थे। 2016 के बाद तो उन्होंने संन्यास भी ले लिया था, लेकिन फैंस और राष्ट्रपति के कहने पर वापस लौट आए।

IND vs WI: Team India की ओर से डेब्यू करेंगे ऋतुराज और यशस्वी, टेस्ट में पुजारा बाहर, ODI में संजु की वापसी

दो साल में सबकुछ हासिल कर लिया

2021 में कोपा अमेरिका टूर्नामेंट से पहले मेसी की झोली में एक भी अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं था। उन्हें सिर्फ क्लब का दिग्गज कहा जाने लगा था। Lionel Messi की किस्मत अचानक बदल गई। 2021 में उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना की टीम पहली बार कोपा अमेरिका जीती। अर्जेंटीना 1993 के बाद इस खिताब को जीता था। इसके बाद 2022 में दो महादेशों की बेस्ट टीम के बीच मैच हुआ। उसे फिनालिसिमा कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका की बेस्ट टीम अर्जेंटीना और यूरोप की बेस्ट टीम इटली आमने-सामने हुई। लंदन के वेम्बेले स्टेडियम में अर्जेंटीना ने फिर से धमाकेदार प्रदर्शन किया और दो साल में दूसरा खिताब जीता लिया। इसके बाद बारी थी सबसे बड़े टूर्नामेंट विश्व कप की। उसी साल नवंबर-दिसंबर में कतर में आयोजित विश्व कप को अर्जेंटीना ने जीत लिया। मेसी फिर से विश्व स्तर पर चमके। वह टूर्नामेंट के बेस्ट खिलाड़ी चुने गए। उनका करियर कंप्लीट हो गया। उन्होंने दुनिया जीत ली थी।

BCCI ने सेलेक्टर सहित दो पदों पर निकाली वेकैंसी, होनी चाहिए ये खूबियां

अभी बाकी है कई मुकाम

2021 में बार्सिलोना क्लब से निकलने के बाद Lionel Messi फ्रांस के क्लब पेरिस सेंट जर्मेन के साथ जुड़े। दो साल वहां रहने के बाद उन्होंने क्लब को अलविदा कह दिया है। उन्होंने खुद कहा कि वह अमेरिका में खेलेंगे। वहां मेजर सॉकर लीग की टीम इंटर मियामी से करार करने वाले हैं। बता दें कि अमेरिका में ही अगले तीन बड़े टूर्नामेंट होने वाले हैं। 2024 में कोपा अमेरिका, 2025 में क्लब विश्व कप और 2026 में फुटबॉल विश्व कप। फैंस को अमेरिका में भी मेसी की जादूगरी का इंतजार है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here