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वर्ल्ड एथलेटिक्स ने किया नियमों में बदलाव, स्टीपलचेजर्स को फायदा

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लांग या ट्रिपल जम्प में फाउल का भी बदला नियम

टोक्यो ओलंपिक के बाद से लागू होंगे नए रूल्स

नई दिल्ली। दुनियाभर में होने वाली एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के आयोजन के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। वर्ल्ड एथलेटिक्स ने इन स्पर्धाओं में ये नए नियम लागू करने की समय सीमा 1 नवंबर तय की थी। लेकिन कोरोना के कारण अब इन नियमों को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक के बाद से लागू किया जाएगा।

नए नियमों के अनुसार अब लांग जम्प या ट्रिपल जम्प करते समय जूते का कोई भी हिस्सा प्लास्टिसिन को छुएगा तो उसे फाउल माना जाएगा। इसी तरह जूनियर पुरुष वर्ग में स्टीपलचेज की बाधा की उंचाई 7.6 सेंमी घटा दी गई है। इसके अलावा दुनियाभर में होने वालीं 20, 25 और 30 किलोमीटर की दौड़ को बंद करने का ऐलान कर दियाग या है।

नए नियमों का सीधा फायदा स्टीपलचेजर्स को होगा। अभी तक अंडर-18 पुरुषों के स्टीपलचेज में बाधाओं की ऊंचाई 91.4 सेमी होती है। लेकिन अब इसे 7.6 सेमी घटाकर 83.8 कर दिया गया है। इसी तरह लांग या ट्रिपल जम्प करते समय जम्परों के जूते का कोई हिस्सा टेकऑफ बोर्ड के आगे लगे प्लास्टिसिन इंडिकेटर बोर्ड को छुएगा तो फाउल माना जाएगा। अभी तक प्लास्टिसिन पर स्पाइक्स की कीलों के निशान देखकर फाउल माना जाता था।

डिकेथलान-हेप्टेथलान स्पर्धाओं का समय बढ़ाया 

डिकेथलान की 10 और हेप्टेथलान की 7 स्पर्धाएं एथलीटों को दो दिन में सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक पूरी करनी होती थीं। अब इसका समय बढ़ाकर 48 घंटा कर दिया गया है। इससे आयोजकों को जल्दीबाजी में इवेंट पूरे नहीं कराने पड़ेंगे। डिकेथलीटों की भी रिकवरी टाइम ज्यादा मिलेगा। एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में ज्यादा एथलीट होने पर आयोजक टाइम ट्रायल लेकर फाइन कराते थे। पर अब हर स्पर्धाओं की हीट करानी जरूरी होगी। यही नहीं पैदल चाल की स्पर्धा में फाउट करने वाले खिलाड़ी को एक गोले में एक मिनट  के लिए खड़ा कर दिया जाता था। पर अब इसे पेनल्टी जोन कहा जाएगा।

ये हैं नए नियम

1- लांग जम्प एवं ट्रिपल जम्प में जूते का कोई हिस्सा भी प्लास्टिसिन से आगे निकला तो फाउल माना जाएगा,
2- डिकेथलान एवं हेप्टेथलान के लिए मिलेंगे अब 48 घंटे
3- आठ सौ मीटर के ऊपर के इवेंट में एथलीट अपने साथ पानी की बोतल रख सकेंगे
4- जूनियर बालकों की स्टीपलचेज के बैरियर की ऊंचाई 7.6 सेंटीमीटर घटाई
5- एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में स्पर्धाओं की हीट करानी होगी जरूरी
6- 20, 25, 30 किलोमीटर की दौड़ अब नहीं होंगी।
7- आयु वर्गों में बालक और बालिका शब्द नहीं होंगे। जूनियर, सीनियर पुरुष या महिला शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा।
8- पैदल चाल में बनेगा पेनल्टी जोन

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