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सम्मान राशि के लिए भटक रहे देश के 312 पदक विजेता

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नेपाल में आयोजित South Asian Games 2019 के पदक विजेताओं को दी जानी थी 3.76 करोड़ रुपये की राशि

नई दिल्ली। देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को अब उनके हक के लिए भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। देश के लिए पदक जीते तो सम्मान तो मिला लेकिन सम्मान के साथ मिलने वाली पुरस्कार राशि खेल मंत्रालय के गलियारों में ही अटक गई है। मामला जुड़ा है गत वर्ष नेपाल में आयोजित South Asian Games 2019 से। इन खेलों में भारत के 321 खिलाड़ियों ने विभिन्न वर्गों में पदक जीते। इसके बाद इन पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की गई लेकिन आज तक इस राशि का भुगतान इन खिलाड़ियों को नहीं किया गया है। पदक विजेताओं को दी जाने वाली करीब 3 करोड़ 76 लाख रुपये की राशि का भुगतान अधर में अटका है।

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बीते वर्ष की थी राशि देने की घोषणा

बीते वर्ष दिसंबर माह में नेपाल से लौटने के बाद खेल मंत्री किरन रिजीजू ने दिल्ली में South Asian Games 2019 के पदक विजेताओं का सम्मान समारोह किया था। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि South Asian Games 2019 के स्वर्ण पदक विजेतओं को डेढ़ लाख रजत के लिए एक लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि खेल मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। मंत्रालय की अवार्ड स्कीम में दक्षिण एशियाई खेलों के लिए जगह नहीं थी, लेकिन नेपाल से पहले गुवहाटी में आयोजित इन खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को मंत्रालय ने तीन (स्वर्ण), दो (रजत) और एक लाख (कांस्य) की राशि दी थी।

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खिलाड़ियों के लिए खर्चा चलाना भी मुश्किल

खेल संघों और खिलाड़ियों को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रालय की ओर से South Asian Games 2019 की पुरस्कार राशि मिल जाएगी, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मंत्रालय ने पुरस्कार राशि नहीं दी तो इस बारे में पत्र व्यवहार शुरू किया गया। लेकिन कई खेल संघों को तो आज तक भी मंत्रालय की ओर से कोई जवाब तक नहीं मिला है। परेशानी इस बात से ज्यादा है कि लाॅकडाउन के बाद से खिलाड़ियों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ गया है। प्रशिक्षण तो दूर रोजमर्रा का खर्च उठाना भी मुश्किल हो चला है। यही कारण है कि खिलाड़ियों के परिजनों ने भी अब इस राशि के भुगतान को लेकर मांग उठाई है लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

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