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Ranji Trophy में दिल्ली की टीम का हाल बुरा, पूरी चयन समिति बर्खास्त

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DDCA fired Entire selection committee, delhi face defeat in Ranji trophy

नई दिल्ली। Ranji Trophy 2022-23 में दिल्ली की टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। हाल ही में दिल्ली को सौराष्ट्र के खिलाफ पारी और 214 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। देश को विराट कोहली, शिखर धवन और कई स्टार खिलाड़ी देने वाली दिल्ली की टीम का हालत अब खराब होती जा रही है। ऐसे में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने एक बड़ा फैसला करते हुए सभी सलेक्टर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

डीडीसीए की पूरी सेलेक्शन कमेटी बर्खास्त

डीडीसीए ने पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोड़ा, मयंक सिधाना और अनिल की सीनियर चयन समिति को बर्खास्त कर दिया। दिल्ली को Ranji Trophy में गुरुवार को ही सौराष्ट्र के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली की सीनियर टीम के दो हार के बाद चार मैच में सिर्फ दो अंक हैं। राजकोट में पहले दिन नम विकेट पर दिल्ली ने पहले घंटे में ही 10 रन पर 7 विकेट गंवा दिए थे और स्थिति और खराब हो सकती थी।

डीडीसीए में मचा हुआ है बवाल

डीडीसीए के एक सीनियर निदेशक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘हां, निखिल चोपड़ा, गुरशरण सिंह और रीमा मल्होत्रा की क्रिकेट सलाहकार समिति अगले तीन मैचों के लिए टीम का चयन करेगी क्योंकि दिल्ली पहले ही बाहर हो चुकी है। सिधाना और खोड़ा के मतभेद सार्वजनिक होने के बाद पदाधिकारियों ने समिति को बर्खास्त करने की मंजूरी दे दी है।’ ईमेल के अनुसार ‘डीडीसीए की पुरुषों की चयन समितियां जिस तरह से अपने काम का निर्वहन कर रही हैं, उसके प्रति मेरी अस्वीकृति को दर्ज करने के लिए मैं इस मेल को लिखने के लिए मजबूर हूं। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसी समितियां बिना किसी विजन और मिशन के काम कर रही हैं।’ दरअसल अध्यक्ष खोड़ा के Ranji Trophy के हर मैच के लिए 22 खिलाडिय़ों को चुनने की आदत पर डीडीसीए अध्यक्ष ने खुले तौर पर सवाल उठाए हैं। जेटली ने सवाल उठाया कि कैसे एक चोटिल खिलाड़ी को एक अन्य चोटिल खिलाड़ी के स्थान पर भेजा गया।

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खोड़ा की कार्यशैली से नाराजगी, अन्य सलेक्टर्स से भी मतभेद

हाल ही में एक बैठक में यह सूचित किया गया था कि एक चोटिल सीनियर खिलाड़ी का विकल्प भेजा गया था और वहां पहुंचने पर वैकल्पिक खिलाड़ी भी चोटिल घोषित कर दिया गया और दूसरे वैकल्पिक खिलाड़ी को भेजा गया। जेटली ने कहा, ‘समिति को स्पष्ट रूप से सूचित करने के बावजूद कि Ranji Trophy में खिलाडिय़ों की संख्या 15 से 16 खिलाडिय़ों तक सीमित रहेगी, समिति ने बार-बार प्रत्येक टीम के लिए 20 से 22 सदस्यीय खिलाडिय़ों की सिफारिश की है। इसलिए ये समितियां न केवल डीडीसीए को नुकसान पहुंचा रही हैं बल्कि क्रिकेट के खेल को भी।’ यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि युवा कप्तान यश धुल के निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के मनमाने फैसले ने उनके स्वभाव पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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भारतीय टीम में जगह बनाने का नहीं एक भी दावेदार: जेटली

जेटली इस बात से भौचक्के थे कि दिल्ली के पास फिलहाल एक भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसके भारतीय टीम में जगह बनाने का दावेदार माना जाए। उन्होंने कहा , ‘एक समय था जब भारतीय टीम में कम से कम चार से पांच दिल्ली के खिलाड़ी होते थे। आज की स्थिति ऐसी है कि हम एक भी खिलाड़ी का नाम नहीं ले सकते हैं जिसे हम (प्रबंधन और चयनकर्ता) राष्ट्रीय टीम के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखते हैं।’ जेटली जिस बात से सबसे ज्यादा नाराज हैं वह यह है कि Ranji Trophy में चयनकर्ताओं ने ‘पूरी स्वतंत्रता और समर्थन’ मिलने के बावजूद अपना काम नहीं किया।

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