टोक्यो। Tokyo Paralympics: गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास यतिराज टोक्यो पैरालंपिक्स में पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन स्पर्धा एसएल-4 का स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए। खिताबी मुकाबले में उन्हें फ्रांस के खिलाड़ी लुकास माजुर ने 2-1 से शिकस्त दी। सुहास ने यह मेडल एसएल-4 कैटगिरी में जीता है। एसएल-4 वे पैरा एथलीट शामिल होते हैं, जिन्हें चलने-दौड़ने में थोड़ी परेशानी होती है।
What an absolute thriller of a match!!!🏸 @suhasly Wins #SILVER 🥈 in Badminton Men’s Singles SL4 in a close nail biting finish!✨✨ More wins to come! 🤩#badminton #Parabadminton#Praise4Para #Tokyo2020 #Tokyoparalympics2020 #Paralympics #Cheer4India pic.twitter.com/tpFQISLcnu
— Paralympic India 🇮🇳 #Cheer4India 🏅 #Praise4Para (@ParalympicIndia) September 5, 2021
दोनों खिलाड़ियों के बीच Tokyo Paralympics फाइनल में जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला। लेकिन बाद में खिताबी मुकाबला लुकास जीतने में सफल रहे। उन्होंने भारतीय खिलाड़ी सुहास को 21-15, 17-21, और 15-21 से हराया। वहीं, बैडमिंटन पुरुष सिंगल्स एसएल-4 स्पर्धा के कांस्य पदक मुकाबले में भारत के तरुण ढिल्लन को हार का सामना करना पड़ा है। उन्हे्ं इंडोनेशिया के खिलाड़ी सेतियावान फ्रेडी ने 2-0 से हराया। फ्रेडी ने यह मुकाबला 21-17 और 21-11 से जीता।
A fantastic confluence of service and sports! @dmgbnagar Suhas Yathiraj has captured the imagination of our entire nation thanks to his exceptional sporting performance. Congratulations to him on winning the Silver medal in Badminton. Best wishes to him for his future endeavours. pic.twitter.com/bFM9707VhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021
सुहास यतिराज का सफर
कर्नाटक के 38 वर्ष के सुहास के टखनों में विकार है। कोर्ट के भीतर और बाहर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर है और 2007 बैच के आईएसएस अधिकारी भी। वह 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मोर्चे से अगुआई कर चुके हैं। एनआईटी कर्नाटक से कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त लेने वाले सुहास इससे पहले प्रयागराज, आगरा, आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र जिलों के जिलाधिकारी रह चुके है।
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भारत ने 18 मेडल किए अपने नाम
Tokyo Paralympics में अब भारत के टोक्यो में 17 मेडल हो चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में अब तक 4 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।
Tokyo Paralympics : मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज जीता
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 3 ने जीता मेडल
पैरालिंपिक में पहली बार बैडमिंटन को शामिल किया गया है। भारत से सात खिलाड़ी भाग लिए। इनमें से 6 खिलाड़ी विभिन्न कैटेगरी के सेमीफाइनल में पहुंचे। वहीं तीन खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे। नोएडा के डीएम सुहास यथिराज, प्रमोद भगत और कृष्णा नागर अपने-अपने कैटगिरी के फाइनल में पहुंचे।
Tokyo Paralympics: बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स में प्रमोद भगत ने जीता गोल्ड
प्रमोद भगत गोल्ड जीत चुके हैं, वहीं मनोज सरकार भी ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। नोएडा के डीएम सुहास को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उन्हें सिल्वर मेडल मिला। वहीं कृष्णा नागर का फाइनल मुकाबला होना बाकी है। पलक कोहली को मिक्स्ड डब्ल्स में प्रमोद कुमार के साथ आखिरी दिन ब्रॉन्ज के लिए खेलेंगी। वहीं पारुल परमार पहले राउंड में बाहर हो गई थीं।