Chess World Cup : दिव्या देशमुख बनीं नई वर्ल्ड चैंपियन, फाइनल में कोनेरू हम्पी को दी शिकस्त

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नई दिल्ली। Chess World Cup : भारत की दिव्या देशमुख महिला Chess World Cup की नई चैंपियन बन गई हैं। फाइनल मुकाबले में दिव्या ने हमवतन कोनेरू हम्पी को शिकस्त देकर खिताब अपने नाम किया। इसके साथ ही वह फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। कोनेरू हम्पी के पास वापसी का एक छोटा सा मौका था, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकीं। दिव्या ने काले मोहरों पर एक शानदार जीत दर्ज की।

अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को फाइनल के पहले और दूसरे गेम में ड्रॉ खेलने पर मजबूर किया था। इससे मैच टाईब्रेकर में पहुंचा था। टाईब्रेकर में दिव्या ने अपनी बादशाहत साबित करते हुए इतिहास रच दिया।

फूट-फूटकर रोईं चैंपियन दिव्या

 

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जॉर्जिया के बातुमी में सोमवार को खेले गए फाइनल के टाईब्रेकर मुकाबले में दिव्या ने काले मोहरों से खेलते हुए हम्पी को हराया और Chess World Cup का ताज अपने नाम किया। तीन दिन तक चले क्लासिकल चेस के रोमांच ने फैंस को दांतों तले अंगुली चबाने पर मजबूर कर दिया। हम्पी और दिव्या देशमुख ने पहले रैपिड टाई-ब्रेकर में ड्रॉ खेला और फिर दिव्या ने दूसरे में जीत हासिल की। जीत हासिल कर दिव्या फूट फूटकर रो पड़ीं। उनकी मां भी वहीं मौजूद रहीं और दिव्या ने उन्हें गले लगा लिया।

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दूसरे टाइब्रेकर में जीता खिताब

Chess World Cup फाइनल में सोमवार को पहला टाईब्रेकर बेनतीजा रहा और मैच दूसरे टाईब्रेकर में पहुंचा। आखिर में हम्पी ने एक ब्लंडर किया और दिव्या को उन पर दबाव बनाने का मौका मिल गया। आखिरी चंद सेकेंड बचे थे तो हम्पी ने रिजाइन कर दिया और दिव्या जीत गईं। इसके बाद दिव्या वहीं सीट पर बैठे-बैठे रो पड़ीं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। इस जीत के साथ दिव्या ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। इससे पहले उनके पास इंटरनेशनल मास्टर की उपाधि थी। इसके साथ ही उन्होंने अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स शतरंज के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। कैंडिडेट्स शतरंज के विजेता को विश्व चैंपियन को टक्कर देने का मौका मिलता है।

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