नई दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम (India Women’s Hockey Team) के कोच शोर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) ने टीम इंडिया को छोड़ने का फैसला कर लिया है। शोर्ड मारिन ने शुक्रवार को मारिन ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले में हार के बाद कहा कि यह उनका भारत के साथ आखिरी टूर्नामेंट था। शोर्ड मारिन के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनके कोचिंग निर्देशन में भारतीय महिला Hockey पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइऩल तक पहुंचने में सफल रही।
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मारिन ने व्यक्तिगत कारणों से SAI के प्रस्ताव से किया मना
नीरदलैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरी अब कोई प्लानिंग नहीं है क्योंकि भारतीय महिला Hockey टीम के साथ मेरा ये आखिरी मैच था। अब टीम जानेका शोपमैन के हवाले है। मारिन (Sjoerd Marijne) और टीम के विश्लेषणात्मक कोच जानेका शोपमैन दोनों को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की ओर से कार्यकाल विस्तार की पेशकश की गई थी, लेकिन मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक शोपमैन के अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालने की उम्मीद है।
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लंबे समय से अपने घऱ नहीं जा पाए Sjoerd Marijne
Sjoerd Marijne को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया। हालांकि 2018 में उन्हें फिर से महिला Hockey टीम का कोच नियुक्त किया गया। मारिन ने नीदरलैंड के लिए खेला है। उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर -21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में गोल्ड मेडल जीता है। कोरोना महामारी की वजह से लागू प्रतिबंधों कारण वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाए हैं। उनके इस्तीफे के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
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मुझे इन लड़कियों पर गर्व है- मारिन
भारतीय महिला Hockey टीम के मुख्य कोच Sjoerd Marijne को अपनी टीम पर गर्व है। ओलंपिक कांस्य पदक मुकाबले में हार के बावजूद उन्होंने अपने खिलाड़ियों से आंसू रोकने के लिए नहीं कहा। मारिन ने कहा, ‘हारने पर दुख होता है लेकिन मैं फख्र महसूस कर रहा हूं। मुझे इन लड़कियों पर गर्व है जिन्होंने एक बार फिर अपना कौशल और जुझारूपन दिखाया।