नई दिल्ली। WTC Final: भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस अहम मुकाबले में भारतीच बल्लेबाजों ने पूरी तरह निराश किया। दोनों ही पारियों में नामचीन बल्लेबाजों ने दगा दिया और टीम सम्मानजनक स्कोर भी नहीं बना सकी। वहीं दूसरी पारी में जहां न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कहर बरपाया। वहीं भारतीय गेंदबाज बेअसर दिखाई दिए। भारत की हार के कई कारण माने जा सकते हैं। जिसमें से कुछ पर यहां हम चर्चा करने जा रहे हैं।
The equation:
🇳🇿 require 65 runs for victory
🇮🇳 need another 8 wickets
2⃣5⃣ overs left in the contestWho are you backing?#WTC21 Final | #INDvNZ | https://t.co/VKTnvnM9Y8 pic.twitter.com/T3LxpH4BNI
— ICC (@ICC) June 23, 2021
विराट कोहली
इस मैच में भारतीय दर्शकों को कप्तान विराट कोहली से एक बेहतर पारी की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन दोनों ही पारियों में कोहली दम दिखाने में असफल रहे। पहली पारी में भारतीय टीम 217 रन ही बना पाई जिसमें कोहली के बल्ले से 44 रन निकले थे। दूसरी पारी में जब टीम को एक बड़ा स्कोर बनाने की जरूरत थी कि वह महज 13 रन बनाकर आउट हो गए। दूसरी पारी में भारत की पूरी टीम महज 170 रन पर ही ढेर हो गई। कोहली एक तरफ जहां दोनों पारी में कुल मिलाकर 57 रन ही बना पाए वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के कप्तान ने पहली पारी में 49 रन बनाए तो दूसरी पारी में नाबाद 53 रन बनाकर टीम को जीत दिलाकर वापस लौटे।
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चेतेश्वर पुजारा
इस मैच में भारत के मिडिल आर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा से भी काफी उम्मीद की जा रही थी लेकिन उन्होंने हद से ज्यादा निराश किया। भारत के लिए अक्सर मुश्किल वक्त में मैदान पर टिकने वाले पुजारा इस मैच में दोनों पारी में नाकाम रहे। पहली पारी में इस बल्लेबाज ने 8 रन बनाए तो दूसरी पारी में 15 रन ही बना पाए।
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जसप्रीत बुमराह
इस मैच में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण में एक खिलाड़ी पर सबकी नजर थी। पूर्व दिग्गजों ने जिस जसप्रीत बुमराह को सबसे अहम कड़ी बताया था वह एक भी विकेट नहीं हासिल कर पाए। पहली पारी में इस गेंदबाज ने 26 ओवर में 57 रन दिए लेकिन विकेट नहीं ले पाए। दूसरी पारी में 10.4 ओवर गेंदबाजी के बाद 35 रन देकर भी उनके विकेट का खाना खाली ही रहा।
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भारत ने प्लेइंग-11 चुनने में गलती की?
मैच के परिणाम के बाद अब यह विश्लेषण भी शुरू हो गया है कि क्या भारत को अलग प्लेइंग-11 के साथ मैदान में उतरना था। क्योंकि जिन खिलाड़ियों पर टीम की बल्लेबाजी को संभालने की जिम्मेदारी थी, वो सभी मैदान पर जूझते दिखाई दिए और सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौटते रहे। यही स्थिति गेंदबाजों की रही। भारतीय टीम इस मैच में तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर्स के साथ उतरी। पांचवें गेंदबाज की जिम्मेदारी रवींद्र जडेजा पर थी लेकिन वो टीम के खास काम नहीं आए। न्यूजीलैंड की पहली पारी में भारत ने 99.2 ओवर गेंदबाजी की। जडेजा ने इसमें सिर्फ 7.2 ओवर फेंके। ये 7 ओवर भी उन्हें इसलिए मिले क्योंकि भारत दूसरी नई गेंद लेने से पहले ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को कुछ आराम देना चाहता था।
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टीम के एक अन्य स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दो विकेट जरूर लिए, लेकिन उन्हें भी सिर्फ 15 ओवर की गेंदबाजी मिली। करीब 100 ओवर में अगर दो स्पिनर मिलकर सिर्फ 22 ओवर करें तो यह साफ है कि परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं थी। दूसरी पारी में अश्विन ने असरदार गेंदबाजी की, लेकिन जडेजा इस बार भी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। दूसरी पारी में अश्विन ने 10 ओवर में दो विकेट लिए। वहीं, जडेजा 8 ओवर में कोई विकेट हासिल नहीं कर सके।