IND vs SA: अपने ही बुने जाल में फंसी टीम इंडिया, पिच से ज्यादा कोच गंभीर के फैसलों पर सवाल

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कोलकाता। IND vs SA: कई बार जब हम किसी के लिए जाल बिछाते हैं तो उसमें खुद भी फंस जाते हैं। ऐसा ही कुछ भारत की टेस्ट टीम के साथ हो रहा है। वेस्टइंडीज की बिखरी-बिखरी सी टीम को दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हमने बुरी तरह हरा तो दिया, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका से हम हार गए। कोलकाता के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में खेले गए दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। अपनी ही परिस्थितियों में टीम इंडिया ऐसे नजर आई, जैसे कोई विदेशी टीम अब से 2-3 साल पहले भारत में खेल रही हो।

कोच गंभीर के कहने पर ही बनाया गया था ऐसा पिच

सीएबी के चेयरमैन और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 10 नवंबर को बयान दिया था कि IND vs SA पहले टेस्ट मैच के लिए पिच अच्छी होगी और गेंद और बल्ले के बीच अच्छी लड़ाई देखने को मिलेगी और पेसर्स को मदद मिलेगी। पेसर्स को मदद तो मिली, लेकिन स्पिनरों ने ज्यादा तंग किया। खासकर भारतीय टीम को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ गया और स्पिन का सामना करने में भारत को परेशानी हुई। कोच गौतम गंभीर के कहने पर ही इस पिच को स्पिन बनवाया था। स्पिन ट्रैक भारत के लिए ट्रैप बन गया। ऐसा एक दो बार नहीं, बल्कि पिछले 6 मैचों में चार बार हो चुका है।

पहले भी कई बार उल्टा पड़ चुका है दांव

न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों में हमें ऐसी ही ट्रैक्स पर हार मिली, जबकि IND vs SA इस मैच में अब साउथ अफ्रीका ने हमें हरा दिया। वेस्टइंडीज को दो मैचों में इस बीच हमने हराया, लेकिन कैरेबियाई टीम में क्वालिटी की कमी थी। ऐसे में हम आगे रहा। वहां, भी गेंदबाजी दूसरे टेस्ट में ढीली नजर आई, क्योंकि हम फॉलोऑन देकर भी वेस्टइंडीज को जल्दी आउट नहीं कर सके।

अब सवाल उठता है कि जब आपके पास जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे पेसर हैं। बेंच पर भी आकाश दीप हैं और कई खिलाड़ी स्पिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए टीम में नहीं चुने गए हैं। ऐसे में आपको ऐसी पिच तैयारी करानी चाहिए, जिस पर गेंद और बल्ले की लड़ाई देखने को मिले।

ऐसे तो डब्ल्यूटीसी फाइनल तक पहुंचना भी मुश्किल

टीम इंडिया का सपना वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल जीतने का होना चाहिए, न कि सिर्फ फाइनल में पहुंचने का। आपको पता है कि इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फाइनल खेला जाएगा तो आप स्पिन फ्रेंडली विकेट पर जीत हासिल करके क्या करोगे? अभी भी गंभीर के पास समय है क्योंकि आईसीसी विश्व चैंपियनशिप की रेस अभी शुरू हुई है। भारत को अगले कुछ मैच स्पिनरों की मुफीद पिचों पर ही खेलना है।

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IND vs SA सीरीज के बाद भारत को श्रीलंका दौरे पर जाना है और वहां भी स्पिनरों की मददगार पिचें मिलेंगी और श्रीलंका के पास उन पिचों के हिसाब से स्पिनर भी अच्छे होंगे जो भारत को परेशानी में डाल सकता है। टीम इंडिया लगातार दो बार टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने के बाद पिछले साल इससे चूक गई थी। इस बार टीम इंडिया चाहेगी कि वह फाइनल खेले और इसके लिए जरूरी है कि बतौर कोच गंभीर टीम की कमियों पर जल्दी पूरा करें फिर चाहे टीम में बदलाव ही क्यों न करने पड़ें।

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कोच गौतम गंभीर के फैसलों पर खड़े हुए सवाल

गंभीर तकरीबन डेढ़ साल से कोच हैं और न्यूजीलैंड ने जब भारत को भारत में हराया था तब भी वह कोच हैं। लेकिन अभी तक उनका ध्यान इस बात पर नहीं गया है कि भारतीय बल्लेबाज स्पिन को खेलने में कमजोर साबित हो रहे हैं। ये इसलिए कहा जा रहा है कि गंभीर ने IND vs SA पहले टेस्ट के लिए कोलकाता में स्पिनरों की मददगार पिच बनावाई और चार स्पिनर लेकर उतरे।

इन चार में से दो- वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल ऑलराउंडर थे। गंभीर ने सुंदर को टेस्ट में नंबर-3 पर उतारा। सुंदर कितने भी अच्छे बल्लेबाज हों लेकिन टेस्ट में नंबर-3 जैसी पोजिशन पर कोई विशेषज्ञ को नजरअंदाज करना बड़ी गलती है। गंभीर इतने दिनों से देख रहे हैं कि उनकी युवा टीम स्पिनरों के सामने सहज नहीं है फिर भी उनका स्पिनरों की मददगार पिच मांगना बताता है कि वह इस कमी पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। उनकी नजर में उनके बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की तकनीक में कोई कमी नहीं है। ये हैरान करने वाली बात है।

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