सस्पेंड किया करार, IPL टाइटर स्पाॅन्सर के लिए नए सिरे से जारी होगा टेंडर
मुंबई। लंबे विचार-विमर्श के बाद BCCI ने Chinese Company VIVO को IPL से हटा दिया है। अब चाइनीज कंपनी वीवो इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर नहीं होगी। बीसीसीआई ने गुरुवार को उसके साथ हुए करार को सस्पेंड कर दिया। बोर्ड ने एक लाइन का बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।
गौरतलब है कि गलवान घाटी विवाद के बाद से देशभर में चाइनीज कंपनियों और चीन के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। क्रिकेटप्रेमियों की भी मांग थी कि Chinese Company VIVO को भी आईपीएल से हटाया जाए। लेकिन BCCI इस पर निर्णय नहीं कर पा रहा था। लेकिन अब RSS से जुड़े संगठनों ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। और आईपीएल फ्रेंचाइजी भी नुकसान के डर से बीसीसीआई से वीवो को हटाने को कह रहे थे। इसी के बाद आज बीसीसीआई ने अधिकृत रूप से वीवो के साथ अपने करार को स्थगित कर दिया।
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गौरतलब है कि Chinese Company VIVO ने 2018 में 2190 करोड़ रुपए में 5 साल के लिए IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील हासिल की थी। यह करार 2022 में खत्म होना था। इस डील के तहत वीवो BCCI को हर साल 440 करोड़ रुपए देती है।
सूत्रों का कहना है कि अब बीसीसीआई नए टाइटल स्पॉन्सर के लिए टेंडर जारी करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईपीएल और वीवो के बीच अगले साल 2021 से 2023 तक के लिए नया करार हो सकता है।
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इससे पहले, BCCI की आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ बैठक हुई। जिसमें लगभग सभी फ्रेंचाइजी ने Chinese Company VIVO को लेकर नाराजगी जताई। सूत्रों का कहना है कि फ्रेंचाइजी का तर्क था कि पब्लिक का माहौल चीन के खिलाफ है, ऐसे में अगर वीवो ही टाइटल स्पाॅन्सर रहता है तो लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। जिससे ज्यादा नुकसान होगा। इसके बाद बीसीसीआई स्तर पर इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि वीवो को किसी दूसरी कंपनी से रिप्लेस किया जा सकता है।
दरअसल, RSS से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने कहा था कि एक तरफ भारतीय सैनिक सीमा पर चीन से लड़ रहे हैं। देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। हम अपने सैनिकों का समर्थन करते हुए चाइनीज कंपनियों और उनके सामान का बायकॉट कर रहे हैं। ऐसे में बीसीसीआई ने Chinese Company VIVO से अपना करार जारी रखते हुए भारतीय सैनिकों का अपमान किया है। यदि यह करार नहीं तोड़ा गया तो हम आईपीएल का बायकॉट करेंगे।