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Tokyo Olympics: आखिरी बाॅक्सिंग क्वालिफायर निरस्त, भारतीय बाॅक्सर्स का सपना टूटा

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Tokyo Olympics final boxing qualifiers canceled, big blow to Indian boxers Latest Sports News in Hindi
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Tokyo Olympics कोटे की उम्मीद में बैठे भारतीय बाॅक्सर्स की उम्मीदें टूटीं 

नई दिल्ली। Tokyo Olympics में भारत के बाॅक्सिंग अभियान को बड़ा झटका लगा है। बाॅक्सिंग में अतिरिक्त ओलंपिक कोटा हांसिल करने की उम्मीद में बैठे कई भारतीय बाॅक्सर्स की उम्मीदें टूट गई हैं। क्योंकि जून में पेरिस में होने वाले अंतिम ओलंपिक बाॅक्सिंग क्वालिफायर टूर्नामेंट को निरस्त कर दिया गया है।

इस टूर्नामेंट के जरिए Tokyo Olympics में बाॅक्सिंग के 53 कोटा आवंटित किए जाने थे। जिनमें 32 पुरूष वर्ग के और 21 महिला वर्ग के थे। पहले इन सभी 53 स्थानों का आवंटन हर भार वर्ग और हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ बाॅक्सर को किया जाना था। लेकिन अब 53 स्थानों का आवंटन रैकिंग के आधार पर किया जाएगा।

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इस निर्णय से भारतीय बाॅक्सर्स को सबसे ज्यादा निराशा हुई है। इस संबंध में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी का कहना है कि क्वालिफिकेशन सिस्टम में हुए इस बदलाव से हर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ एथलीट्स को Tokyo Olympics खेलने का मौका मिल सकेगा।

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने पेरिस में होने वाले क्वालिफायर टूर्नामेंट के निरस्त होने की पुष्टि कर दी है। यह निर्णय आईओसी की बाॅक्सिंग टास्क फोर्स की और से सार्वजनिक किया गया। इस निर्णय से Tokyo Olympics में बाॅक्सिंग की 57 भार वर्ग की कैटेगिरी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। जो भारत की दृष्टि से सबसे मजबूत भारवर्ग कैटेगिरी है। भारत पिछले तीन ओलंपिक गेम्स से इस भार वर्ग केटेगिरी के लिए क्वालिफाई करता आ रहा है। आईओसी के इस निर्णय से भारत के जो नामचीन बाॅक्सर टोक्यो ओलंपिक से वंचित रह गए हैं, उनमें काॅमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मैडलिस्टर गौरव सोलंकी, काविंद्र सिंह बिश्ट और सोनिया चहल शामिल हैं।

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अब नई परिस्थितियों में भारतीय बाॅक्सर्स को हांलांकि कुछ टूर्नामेंट अभी खेलने हैं लेकिन उनके पास अपनी रैकिंग सुधारने का कोई मौका नहीं होगा। क्योंकि इन टूर्नामेंट्स में रैकिंग टूर्नामेंट शामिल नहीं हैं। ऐसे में आईओसी और बीटीएफ के इस निर्णय की गाज भारतीय बाॅक्सर्स पर पड़ गई है।

ये होगा नुकसान

वर्ल्ड क्वालिफायर के निरस्त होने का नुकसान भारतीय बाॅक्सर्स को कुछ इस तरह उठाना होगा। 57 किलो भार वर्ग में कावेंद्र सिंह बिष्ट एशिया के टाॅप रैंक बाॅक्सर हैं, जिन्हें अभी ओलंपिक कोटा हांसिल नहीं हुआ था। बिष्ट अभी वर्ल्ड रैकिंग में 14वें स्थान पर हैं। ऐसे में संभवतया Tokyo Olympics कोटा मंगोलिया के बाॅक्सर को मिलेगा, जो 7वीं रैंकिंग पर हैं। इसी तरह से 81 किलो भार वर्ग में भारत के सचिन कुमार की रैकिंग 21 है लेकिन ओलंपिक कोटा उज्बेकिस्तान के बाॅक्सर रूजमेतोव को मिल सकता है, जिनकी रैकिंग 6 है। 91 किलो भार वर्ग में भी भारत के संजीत कुमार इसी आधार पर ओलंपिक कोटा मिस कर सकते हैं।

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