Home sports Boxing पेरिस ओलंपिक तक 50 किलो वेट कैटेगरी में ही फाइट करेंगी बॉक्सर...

पेरिस ओलंपिक तक 50 किलो वेट कैटेगरी में ही फाइट करेंगी बॉक्सर निकहत जरीन

0
Indian Boxer Nikhat Zareen 50 kg weight category Paris Olympics CWG 2022
Image Credit: Pinkvilla

नई दिल्ली। Nikhat Zareen: बॉक्सिंग के 52 किलो वेट कैटेगरी में विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की बॉक्सिंग क्वीन निकहत जरीन अब 50 किलो वेट कैटेगरी में ही पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में उतरेंगी। निकहत ने विश्व चैंपियन बनने के बाद हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मैडल जीता है।

Monaco Diamond League 2022 में उतरेंगे मुरली श्रीशंकर, ओलंपिक चैंपियन से मुकाबला

दरअसल, विश्व चैंपियनशिप में निकहत (Nikhat Zareen) ने 52 किलो (फ्लाईवेट) वेट कैटेगरी में फाइट की और गोल्ड जीता। लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022) में 52 किलो वेट कैटेगरी थी ही नहीं। लिहाजा निकहत को 2 किलो वजन कम करके 50 किलो (लाइट फ्लाईवेट) वेट कैटेगरी में उतरना पड़ा और उन्होंने गोल्ड मैडल भी जीता। अब अगला टारगेट पेरिस ओलंपिक 2024 है। पेरिस ओलंपिक बॉक्सिंग में भी 52 किलो की जगह 50 किलो और 54 किलो वेट कैटेगरी होगी।

CWG 2022: ये हैं वो खिलाड़ी जिन्होंने दिलाए भारत को गोल्ड मैडल

यही कारण है कि निकहत ने अब यह फैसला किया है कि वह कॉमनवेल्थ की तरह अब आगे और पेरिस ओलंपिक में भी 50 किलो वेट कैटेगरी में ही उतरेगी। दुनिया के इस सबसे बड़े इवेंट में अभी 2 साल बाकी हैं। ऐसे में निकहत के पास पर्याप्त समय भी होगा कि वो तैयारी करे और बॉक्सिंग में भारत के गोल्ड का सपना पूरा करे।

Serena Williams लेंगी टेनिस से संन्यास, इंस्टाग्राम पोस्ट से दिए संकेत

निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने एजेंसी को बताया, “मैं वजन कम करना और कम भार वर्ग में मुक्केबाजी करना चाहती हूं। इसलिए मैं 50 किलो वेट कैटेगरी की श्रेणी में बनी रहूंगी।” उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य आदमी को तो बहुत आसान लग सकता है लेकिन ऐसा करना आसान होता नहीं है। मेरे लिए जीत बहुत महत्वपूर्ण है और यह मुझे एक नई श्रेणी में मिली है। मुझे दो किलोग्राम वजन कम करने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि वजन कम होने के साथ मुझे अपनी गति और शक्ति को कम नहीं होने देना था।”

Asia Cup की टीम से शमी गायब, मचा बवाल, इन खिलाड़ियों को भी जगह नहीं

Nikhat Zareen ने आगे कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद लोगों को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। कभी-कभी दबाव की स्थिति में रहना अच्छा होता है। मैं रिंग में स्पर्धा के दौरान किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहती हूं। इसलिए मुझे यह एहसास होना चाहिए कि मैं दबाव में हूं और लोग मुझसे पदक की उम्मीद करते हैं। दबाव ही मुझमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की प्रेरणा लाता है।”

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version