ICC ने चलाया कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम पर डंडा, दी खराब रेटिंग

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नई दिल्ली। ICC : कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की आउट फील्ड को आईसीसी ने खराब करार दिया है। ICC ने इसे खराब रेटिंग दी है, इस कारण स्टेडियम के खाते में एक डीमेरिट पॉइंट भी जुड़ गया है। हालांकि, राहत की बात ये है कि स्टेडियम की पिच को संतोषजनक बताया गया है। इसी स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला गया था। इस मैच को भारत ने महज ढाई दिनों के खेल में 7 विकेट से जीत लिया था।

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ग्रीन पार्क में इस मुकाबले के पहले दिन 35 ओवर का ही खेल हो सका था। जबकि दूसरे और तीसरे दिन एक भी ओवर नहीं डाला जा सका था। वो भी तब, जब तीसरे दिन खेल के समय बारिश नहीं हुई थी। लगभग ढाई दिनों का खेल बारिश में धुलने के बावजूद भारत ने 121.2 ओवर में ही बांग्लादेश के सभी 20 विकेट चटका दिए। जवाब में 52 ओवर में 7.36 के रन रेट से 383 रन बनाते हुए जीत दर्ज की थी।

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चेपॉक बहुत अच्छा; बेंगलुरु, पुणे और मुंबई संतोषजनक

कानपुर के अलावा, चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम को ICC से ’बहुत अच्छा’ रेटिंग मिली है। जबकि मुंबई, बेंगलुरु और पुणे के मैदान की पिचों को ’संतोषजनक’ रेटिंग मिली है। इन तीनों ही मैदानों पर हाल ही में न्यूजीलैंड सीरीज के तीन टेस्ट खेले गए थे।

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इन पैमानों पर रेटिंग देती है ICC

किसी भी मैच या टूर्नामेंट के बाद आईसीसी मैच रेफरी के रिव्यू के आधार पर संबंधित वेन्यू की रेटिंग करता है। यह रेटिंग 4 पैमानों में होती है। बहुत अच्छा, संतोषजनक, असंतोषजनक और अनफिट। असंतोषजनक रेटिंग पर वेन्यू के खाते में एक डीमेरिट अंक जोड़ा जाता है, जबकि अनफिट रेटिंग पर तीन डीमेरिट अंक मिलते हैं। अगर किसी मैदान को पांच साल की अवधि में पांच या उससे अधिक डीमेरिट अंक मिलते हैं। तब उस मैदान को 12 महीनों का बैन लग जाता है। इस अवधि में स्टेडियम को किसी भी इंटरनेशनल मैच की मेजबानी नहीं सौंपी जाती है।

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विवादों में रहा ग्रीन पार्क स्टेडियम

भारत-बांग्लादेश मैच से पहले ही पीडब्ल्यूडी विभाग ने ग्रीन पार्क के स्टैंड्स को असुरक्षित करार दिया था। साथ ही विभाग ने पदाधिकारियों को दर्शकों के लिए सीमित संख्या में ही अपर लेवल की सीट मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। स्टेडियम का मालिकाना हक यूपी सरकार का है, लेकिन स्टेडियम और उसके देखरेख की जिम्मेदारी यूपीसीए के पास है। मैच के दौरान भी कानपुर के स्टेडियम की काफी आलोचना हुई थी। ऐसे में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बचाव किया था। हालांकि उन्होंने भी ये माना था कि स्टेडियम के नवीनीकरण की जरूरत है। अब ICC के निर्णय से स्टेडियम की स्थिति में सुधार की संभावना बढ़ गई है।