Ms Dhoni ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

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  • पाकिस्तान के खिलाफ 2005 की वनडे सीरीज ने संवारा करियर
  • भारतीय टीम को टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंचाया

नई दिल्ली। Ms Dhoni ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से तो 2014 में ही संन्यास ले लिया था लेकिन अब उन्होंने सीमित ओवरों के प्रारूप से भी खेल को अलविदा कह दिया है। धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप में खेला था। वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खेला गया यह मुकाबला भारत हारा था। हालांकि Ms Dhoni आईपीएल खेलते रहेंगे। ऐसे में उनके प्रशंसक आईपीएल में धोनी को खेलते हुए देख सकते हैं।

Ms Dhoni ने इंस्टाग्राम में पोस्ट कर खुद के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया है। अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में एमएस धोनी ने लिखा है, ‘आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए बहुत धन्यवाद। आज शाम 7.29 बजे के बाद से मुझे रिटायर समझा जाए।’ अपने इस पोस्ट के साथ ही धोनी ने एक वीडियो भी शेयर किया है।

 

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Thanks a lot for ur love and support throughout.from 1929 hrs consider me as Retired

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39 वर्षीय Ms Dhoni टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास का ऐलान कर चुके थे। हालांकि वनडे और टी-20 में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने हुए थे. लेकिन अब धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। धोनी क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान भी रह चुके हैं। साथ ही धोनी के नाम कई बड़े कीर्तिमान भी दर्ज हैं।

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बता दें कि धोनी ने साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. धोनी ने अब तक 90 टेस्ट मैच खेले हैं। इसके अलावा 350 एकदिवसीय और 98 टी-20 मुकाबलों में उन्होंने भारत का नेतृत्व किया है।

इस पारी ने बदली धोनी की जिंदगी

जब Ms Dhoni धोनी पाकिस्तान के खिलाफ 2005 की वनडे सीरीज के दूसरे मैच में उतरे तो उन पर काफी दबाव था। साल 2004 में बांग्लादेश सीरीज में वह नाकाम हो चुके थे। हालांकि 123 गेंद पर 148 रनों की पारी ने उनके आलोचकों को शांत कर दिया। यह धोनी के रेकॉर्ड तोड़ करियर की शुरुआत थी।

Ms Dhoni के कप्तानी सफर की शुरुआत

साल 2004 से 2007 तक धोनी के करियर में उतार-चढ़ाव आते रहे। साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में जब सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरभ गांगुली जैसे खिलाड़ियों ने खुद को इससे अलग रखने का फैसला किया गया। धोनी को टीम की कमान सौंपी गई। और इसके बाद उनकी कप्तानी में एक युवा टीम ने पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता।

टेस्ट में नंबर वन

Ms Dhoni ने टी20 कप जितवाने के बाद भारतीय टीम को टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंचाया। घरेलू सीरीज में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 213 रन की पारी खेली और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 4-0 से मात दी। सचिन तेंडुलकर ने उनकी कप्तानी में खेले एक टेस्ट मैच के बाद कहा था कि ड्रेसिंग रूम का माहौल इससे बेहतर कभी नहीं रहा।

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