Wrestling : 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती की वापसी के लिए सक्रिय हुआ WFI

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WFI activated for re entry of wrestling in 2026 Commonwealth Games, latest sports news
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नई दिल्ली। Wrestling : 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती को जगह दिलाने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने एक बार फिर जोर आजमाइश शुरू की है। महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) से आग्रह किया कि इस खेल को 2026 commonwealth game में बरकरार रखा जाए। हालांकि इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि कुश्ती की इन खेलों में वापसी होगी या नहीं।

दरअसल, पेच यह है कि कोई भी मेजबान देश कॉमनवेल्थ गेम्स में उन खेलों को शामिल करता है, जिसमें उसके खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद होती है। 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स पहले ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में होने थे। जहां कुश्ती लोकप्रिय नहीं है। यही कारण रहा कि इन खेलों से कुश्ती को बाहर कर दिया गया। अब विक्टोरिया ने मेजबानी से हाथ पीछे खींच लिए हैं और स्कॉटलैंड को मेजबानी मिलने की पूरी संभावना है। लेकिन संभावना कम है कि स्कॉटलैंड भी कुश्ती को इन खेलों का हिस्सा बनाने पर राजी हो। क्योंकि वहां भी Wrestling जरा भी लोकप्रिय नहीं है।

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भारत के लिए बड़ा झटका

हालांकि 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती को बाहर किए जाने का ऐलान दो साल पहले ही कर दिया गया था। तभी से डब्ल्यूएफआई प्रयासरत है कि Wrestling को फिर से इन खेलों में जगह मिले। क्योंकि ये भारत के लिए बड़ा झटका है। भारत कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में सबसे सफल देशों में से एक है जिसने 2022 तक इस खेल में 114 पदक जीते हैं। कुश्ती पिछले तीन खेलों में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रही है। पिछली बार कुश्ती को 2006 में इन खेलों में जगह नहीं मिली थी जब बास्केटबॉल ने इसकी जगह ले ली थी।

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Wrestling पर अंतिम फैसला स्कॉटलैंड का

संजय ने कहा, मैंने राष्ट्रीय खेल महासंघ की कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के साथ बैठक के दौरान सीजीएफ अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस और सीजीएफ सीईओ केटी सेडलियर से मुलाकात की। हमने उन्हें बताया कि भारत और कुछ अन्य खेलों के लिए Wrestling का कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला स्कॉटलैंड करेगा। कुश्ती ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय नहीं है। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड अपने काफी पहलवानों को खेलों में नहीं भेजते, इसलिए इसे बरकरार रखे जाने की संभावना काफी अधिक नहीं है। उन्होंने हमें बताया कि कार्यक्रम में सिर्फ 10 से 11 खेल होंगे और अंतिम फैसला स्कॉटलैंड करेगा।

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खेलों में की जा सकती है कटौती

बर्मिंघम में 2022 में हुए पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स के कार्यक्रम में 20 खेलों को जगह मिली थी जिसमें भारत ने 61 पदक जीते थे और इसमें से 12 पदक पहलवानों ने जीते थे। भारत ने जो 22 स्वर्ण पदक जीते थे उनमें से Wrestling में छह स्वर्ण आए थे जो किसी भी खेल में सबसे अधिक स्वर्ण पदक था। इसके बाद टेबल टेनिस (चार) और मुक्केबाजी (तीन) का स्थान था। हालांकि बर्मिंघम खेलों से बाहर रखे जाने के बाद निशानेबाजी 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में वापसी करेगी।