मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर IOC

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चीन से शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी वापस लेने के लिए लिखा IOC को पत्र

नई दिल्लीः नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) आरोपों के घेरे में है। 2022 में होने वाले शीतकालीन खेलों की मेजबानी में जुटे चीन में एक अल्पसंख्यक संगठन ने आईओसी पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। यह मानवाधिकार समूह तिब्बतियों और अन्य छोटे समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है। संगठन ने IOC अध्यक्ष थाॅमस बाक और आईओसी सदस्य जुआन अंतोनियो समारांच जूनियर को अपने आरोपों के घेरे में लिया है।

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संगठन का कहना है कि चीन में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। लोगों को अमानवीय यातनाएं दी जा रही हैं। सरकार प्रायोजित सुनियोजित षडयंत्र के तहत यह सबकुछ हो रहा है। इसके बावजूद भी आईओसी ने चीन सरकार की इन गतिविधियों से आंखें मूंद रखी हैं। IOC को लिखे अपने पत्र में इस संगठन ने तीन महीने पहले भी चीन से शीतकालीन खेलों की मेजबानी वापस लेने को कहा था।

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गौरतलब है कि मेजबानी हांसिल करने के दौरान चीन की तरफ से IOC को आश्वासन दिया गया था कि चीन में मानवाधिकारों की स्थिति पहले से बेहतर होगी। यही कारण है कि आईओसी ने 2008 ओलंपिक की मेजबानी चीन को देने के बाद शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी भी उसे ही दी थी। लेकिन इसके उलट मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि चीन में हालात पहले से भी बदतर हैं और तानाशाही शासन अपने विरोधियों को कुचलने का काम कर रहा है।

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