PV Sindhu खुद के खराब प्रदर्शन से निराश, अपने कोच को हटाया

0
204
Pv sindhu worried about bad performance, removed her coach
Advertisement

नई दिल्ली। PV Sindhu: स्टार शटलर पीवी सिंधु ने अपने करियर का बड़ा फैसला लिया है। ओलंपिक में दो पदक जीत चुकी सिंधु ने अपने कोच पार्क ताए सांग को हटा दिया है। पार्क ताए 2019 से पीवी सिंधु के साथ जुड़े थे। पीवी सिंधु जब से चोट से वापस लौटी हैं, उनके प्रदर्शन में धार नजर नहीं आई है। जनवरी में कोर्ट में वापसी करने के बाद से सिंधु हर टूर्नामेंट में हार रही हैं।

पीवी सिंधु ने पार्क की कोचिंग में बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में महिला एकल स्वर्ण पदक और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक और फिर 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता। लेकिन हाल में PV Sindhu का फॉर्म खराब है। इसे लेकर कोरियाई कोच पार्क ते सैंग ने बयान दिया है।

पार्क ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा लंबा पोस्ट

पार्क ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बयान जारी किया और कहा, मैं PV Sindhu के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बात करना चाहूंगा, कई लोगों ने इसके बारे में पूछा है। उसने हाल के मैचों में खराब प्रदर्शन किया है और एक कोच के रूप में मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। इसलिए उसने कहा कि वह बदलाव चाहती है और अपने लिए नया कोच तलाशेगी। कोरियाई कोच ने कहा कि अलग होने के बावजूद वह आगे भी सिंधु का समर्थन करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मैं उसके फैसले का सम्मान करता हूं। मुझे दुख है कि अगले ओलिंपिक तक मैं उसके साथ नहीं रह सकता लेकिन अब मैं दूर से ही उसका समर्थन करता रहूंगा। मैं उसके साथ के हर पल को याद रखूंगा।

लगातार टूर्नामेंट हार रही हैं सिंधु

पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में लगी चोट के कारण करीब पांच महीने तक कोर्ट से बाहर रहने के बाद PV Sindhu ने पिछले महीने ही वापसी की थी और लगातार दो टूर्नामेंट के पहले राउंड में हार गई थीं। इस खराब प्रदर्शन के बाद सिंधु ने कोच बदलने का फैसला किया। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने 2019 में बैडमिंटन विश्व चैंपियन बनने की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि वह पांच साल से अधिक समय से इस पल का इंतजार कर रही थीं। सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप के 2013 और 2014 संस्करणों में कांस्य पदक जीता था जबकि 2017 और 2018 में दोनों मौकों पर भारतीय शटलर को फाइनल में हार मिली थी। हालांकि, 2019 में उसने फाइनल में जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को बड़े पैमाने पर हराकर टूर्नामेंट जीता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here