नई दिल्ली। एथलीट के यौन शोषण के आरोप में South Korea के एक पूर्व कोच को 10 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई गई है। कोच ने भी एथलीट के खिलाफ बदसलूकी और शारिरिक शोषण की बात स्वीकार कर ली है।
दरअसल, South Korea के पूर्व स्पीड कोच चो जे-बीओम पर 2018 की ओलंपिक चैंपियन के यौन शोषण का आरोप लगा था। ये आरोप पहली बार #MeToo आंदोलन के दौरान सामने आए थे। पूर्व ओलंपिक चैंपियन शिम सुक-ही ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2014 में कोच ने उनका यौन उत्पीड़न शुरू किया था। उस दौरान वो पढ़ रही थीं और यह सिलसिला प्योंगचांग ओलंपिक गेम्स तक चलता रहा।
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इस खुलासे के बाद कोच चो जे-बीओम ने आरोपों से इनकार कर दिया था और यह कहते हुए मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया था कि उन्होंने जो भी किया, वो उन्हें अनुशासित करने के लिए किया था।
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23 साल की ओलिंपिक शॉर्ट-ट्रैक स्पीड स्केटिंग गोल्ड मेडलिस्ट South Korea की शिम सुक-ही ने पहली बार जनवरी 2018 में अपने पूर्व कोच पर आरोप लगाया, जब उन्होंने कहा कि कोच उनके साथ किशोरावस्था के बाद से ही उत्पीड़न कर रहा था। इतना ही नहीं, कोच ने बार-बार उनके साथ मारपीट की थी। दिसंबर 2018 में दायर एक नई शिकायत में 21 वर्षीय शिम ने चो पर यौन शोषण का आरोप लगाया। अदालत ने कोच को सात साल तक बच्चों और युवाओं के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
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South Korea की स्टार शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटर शिम सुक-ही ने 2014 विंटर ओलिंपिक गेम्स में 3000 मीटर रिले टीम गोल्ड जीता था। इसी ओलिंपिक गेम्स में उन्होंने 1500 मीटर में सिल्वर और 1000 मीटर में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने 2012 यूथ ओलिंपिक गेम्स में 500 मीटर और 1000 मीटर में चैंपियन रही थीं। वह 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3000 मीटर रिले की चैंपियन भी रही थीं।