पेरिस। Paris 2024 Olympics: भारत को पेरिस ओलंपिक में इस बार जिन खेलों में गोल्ड की सबसे ज्यादा उम्मीद हैं उनमें Hockey भी शामिल है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मैडल अपने नाम किया था लेकिन 1980 के बाद से ओलंपिक गोल्ड दूर की कौड़ी बना हुआ है। लिहाजा भारतीय खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि पेरिस में ये कमी भी दूर हो सकती है और टीम इंडिया गोल्ड मैडल पर कब्जा जमा सकती है।
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Paris 2024 Olympics में भारतीय हॉकी टीम हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में मैदान पर उतरेगी। ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नेतृत्व करने वाले हरमन 22वें कप्तान होंगे। Tokyo Olympics में मनप्रीत सिंह भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान थे। तब भारत ने ब्रॉन्ज मैडल जीतकर ओलंपिक हॉकी पदक के लिए 41 साल का इंतजार खत्म किया था। अब हरमनप्रीत भी ग्रीष्मकालीन खेलों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले कप्तानों की उस सूची में शामिल हो गए जिसमें मेजर ध्यानचंद, कुंवर दिग्विजय सिंह और बलबीर सिंह (सीनियर) जैसे दिग्गज शामिल हैं।
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जयपाल सिंह मुंडा बने थे पहले कप्तान
जयपाल सिंह मुंडा ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के पहले कप्तान थे। उनकी कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एम्स्टर्डम 1928 ओलंपिक खेलों में पहली बार गोल्ड मैडल जीता था। सैयद लाल शाह बुखारी, जिन्होंने लॉस एंजिल्स 1932 में भारतीय हॉकी टीम को एक और गोल्ड मैडल दिलाया था, बाद में भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के बाद पाकिस्तान के राजनयिक बन गए। ध्यानचंद (एम्स्टर्डम 1928, लॉस एंजिल्स 1932, बर्लिन 1936) और बलबीर सिंह सीनियर (लंदन 1948, हेलसिंकी 1952, मेलबर्न 1956) तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीमों के हिस्सा रहे थे।
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परगट सिंह ने रचा था इतिहास
परगट सिंह दो ओलंपिक गेम्स में फील्ड हॉकी में भारत का नेतृत्व करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। वह बार्सिलोना 1992 और अटलांटा 1996 ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान थे। 1980 मॉस्को ओलंपिक में तमिलनाडु के वासुदेवन भास्करन भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे थे। वह ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को गोल्ड मैडल दिलाने वाले आखिरी कप्तान हैं।