IPL और टी-20 विश्व कप से बाहर हुए Mohammad Shami, होगी टखने की सर्जरी

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Mohammad Shami out of IPL and T-20 World Cup, will undergo ankle surgery
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नई दिल्ली। टीम इंडिया के अनुभवी तेज गेंदबाज Mohammad Shami इस साल आईपीएल और टी-20 विश्व कप से बाहर हो गए है। वे एंकल इंजरी के कराने के लिए इंग्लैंड जाएंगे। दरअसल, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि, उन्होंने लंदन में इंजेक्शन लिए थे। लेकिन, उनका असर बॉडी पर नहीं हुआ। जिस कारण अब उन्हें सर्जरी करानी ही पड़ेगी। शमी आइपीएल में गुजरात टाइटंस से खेलते हैं। पीटीआई के अनुसार वह सर्जरी के बाद नवंबर तक फिट हो सकते हैं।

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इलाज के लिए लंदन गए थे शमी

Mohammad Shami टखने की चोट के बाद जनवरी में लंदन गए थे। जहां उन्होंने चोट के लिए विशेष तरह के इंजेक्शन लिए। ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि, 3 सप्ताह बाद वे फिर से दौड़ना शुरू कर सकते हैं। उसके बाद अगर उन्हें ठीक महसूस होता तो वे बॉलिंग भी शुरू कर सकते हैं। बीसीसीआई अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, “इंजेक्शन ने उतना असर नहीं दिखाया जितनी उम्मीद थी। ऐसे में शमी के पास सर्जरी कराने के अलावा कोई और उपाय नहीं बचा। वह कुछ दिनों बाद सर्जरी कराने के लिए यूके जाएंगे। ऐसे में आइपीएल खेलने के बारे में तो सोच भी नहीं सकते।”

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33 वर्षीय Mohammad Shami इस समय इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज का हिस्सा भी नहीं हैं। उन्होंने आखिरी बार नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन-डे विश्व कप फाइनल में भारत के लिए खेला था। उस समय भी वे इस चोट से जूझ रहे थे।शमी ने चोट के बावजूद वन-डे वर्ल्ड कप खेला और शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन, टूर्नामेंट खत्म होने के बाद वे टीम की ओर से एक भी क्रिकेट मैच नहीं पाए। शमी ने बेंगलुरु में स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में रिहैब किया था। एकेडमी के सजेशन पर ही शमी ने लंदन जाकर इंजेक्शन लगवाए। लेकिन, अब उन्हें रिकवर होने में कम से कम 8 महीने का समय लगेगा।

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विश्व कप के टॉप विकेट टेकर थे शमी

टीम इंडिया को विश्व कप के फाइनल तक पहुँचाने में सबसे बड़ा हाथ Mohammad Shami का रहा। टूर्नामेंट के शुरुआती 4 मैच मिस करने के बावजूद शमी ने अपनी लय बरकरार रखी और सही समय आने पर गर्म लोहे पर हथौड़ा मारकर इतिहास बना दिया। उन्होंने 10.70 की औसत और 5.26 की इकोनॉमी के साथ कुल 24 विकेट लिए। वे विश्व कप इतिहास में सबसे तेज 50 विकेट पूरे करने वाले गेंदबाज भी बने, जिन्होंने सिर्फ 17 पारियों में इस उपलब्धि को हासिल किया।

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