सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफी में ख़िताब जीतने का Rajasthan का सपना टूटा
अहमदाबाद। BCCI की अधिकृत और सबसे बड़े टी20 टूर्नामेंट Syed Mushtaq Ali Trophy में खिताब जीतने का Rajasthan का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया है। सेमीफाइनल मुकाबले में तमिलनाडु से 7 विकेट की हार के साथ ही टूर्नामेंट में राजस्थान का सफर भी समाप्त हो गया। हालांकि सेमीफाइनल तक के सफर में राजस्थान की टीम ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन जो कमजोरी लीग चरणों में दिखाई दी थी, उसी के कारण Rajasthan को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
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दरअसल, लीग चरण के लगभग हर मैच में एक बात जो Rajasthan की टीम में दिखाई दी, वो थी बल्लेबाजों के प्रदर्शन में अनियमितता। जहां एक तरफ गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं हर मैच में लगभग एक ही कहानी दिखाई दी कि बल्लेबाजों में सिर्फ एक ही चला।
टूर्नामेंट में राजस्थान का पहला मैच विदर्भ के खिलाफ हुआ। विदर्भ ने महज 104 रनों का लक्ष्य रखा। राजस्थान इस मैच में 3 विकेट से जीता लेकिन बल्लेबाजों में सिर्फ अर्जित गुप्ता चले। जिन्होंने 41 रन बनाकर टीम को जिताया। दूसरे मैच में Rajasthan का मुकाबला मध्यप्रदेश से हुआ। इस मैच में भी सिर्फ महिपाल लोमरोर 51 रन बना सके। बाकी बल्लेबाजों में अंकित लांबा ने 32 रन बनाए लेकिन इसके लिए 30 गेंद खेलीं। राजस्थान ने गेंदबाजों के भरोसे यह मैच 10 रन से जीता।
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तीसरे मुकाबले में Rajasthan का सामना सर्विसेज से था। राजस्थान ने यह मैच भी जीता लेकिन टीम के लिए सिर्फ लाखन सिंह ही 44 रन बना पाए। इनके अलावा राहुल सिंह ने 23 रनों का योगदान दिया। टूर्नामेंट में राजस्थान का चौथा मैच गोवा से हुआ। इसमें गोवा ने राजस्थान को 155 रनों का टारगेट दिया। लेकिन राजस्थान की पूरी टीम सिर्फ 117 रनों पर आउट हो गई। टीम के लिए सर्वाधिक 24 रनों का योगदान कप्तान अशोक मेनारिया ने दिया। लीग
चरण का अपना पांचवा मैच राजस्थान ने सौराष्ट्र के खिलाफ खेला। यह पहला मैच था, जिसमें Rajasthan के लिए दो खिलाड़ियों ने 30 से अधिक रन बनाए। कप्तान मेनारिया ने 67 और अंकित लांबा ने 40 रन बनाए। लेकिन लांबा ने इन 40 रनों के लिए एक बार फिर 38 गेंदें खेलीं।
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क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी यही हाल रहा। Rajasthan ने बिहार के खिलाफ 164 रन बनाए जरूर। लेकिन इसमें उप कप्तान महिपाल लोमरोर के आतिशी 78 रनों का योगदान रहा। दो अन्य खिलाड़ियों भारत शर्मा ने 33 गेंदों पर 38 और अंकित लांबा ने 41 गेंदों पर 38 रनों की बेहद धीमी पारी खेली। राजस्थान की बल्लेबाजी की यही कमजोरी टूर्नामेंट में उस पर भारी पड़ी।
पूरे टूर्नामेंट में Rajasthan के सामने सबसे मजबूत टीम सेमीफाइनल में तमिलनाडु ही रही। और इसी टीम के सामने राजस्थान का टूर्नामेंट में सफर भी समाप्त हो गया। राजस्थान के बल्लेबाज टीम को टी20 के लिहाज से मजबूत स्कोर तक एक भी मैच में नहीं ले जा सके। जिस मैच में विरोधी पक्ष ने कम स्कोर बनाया और गेंदबाज चले, वो जीता और बाकी जब गेंदबाज नहीं चले तो नॉकआउट से बाहर हो गए।
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Rajasthan टीम के लिए यह एक सबक है कि भविष्य के लिए उसे बल्लेबाजी में सुधार करना ही होगा। सिर्फ एक खिलाड़ी के बल पर टूर्नामेंट में जीत संभव नहीं है। टीम की तरह खेलना होगा। BCCI अगले महीने से डोमेस्टिक क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी या कोई और टूर्नामेंट शुरू कर सकता है। लेकिन यदि राजस्थान के बल्लेबाजों का यही प्रदर्शन रहा तो टीम को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।