Vinesh Phogat ने लौटाए खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड, पीएमओ के बाहर कर्तव्य पथ पर छोड़े

0
86
Vinesh Phogat returned Khel Ratna and Arjuna Award, leaves the medal at Kartavya Path

नई दिल्ली। भारत की दिग्गज महिला रेसलर रेसलर Vinesh Phogat ने भारत सरकार को खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया है। विनेश शनिवार को अपने सभी अवॉर्ड्स को लौटाने के लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस जा रही थीं। लेकिन, उन्हें दिल्ली पुलिस ने उससे पहले ही रोक दिया। जिसके बाद विनेश ने अपने अवॉर्ड कर्तव्य पथ पर बैरिकेड्स के पास ही छोड़ दिए और उनको हाथ जोड़कर लौट गईं। इसके पहले बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया था।

IND vs SA : दूसरे टेस्ट से पहले शार्दूल चोटिल, नेट प्रैक्टिस के दौरान लगी कंधे पर बॉल

3 दिन पहले ही लिखी थी चिट्ठी

शनिवार को अवॉर्ड्स लौटाने से पहले Vinesh Phogat ने 3 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 2 पेज की चिट्‌ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने महिला पहलवानों को इंसाफ ना मिलने की बात कही थी। अवॉर्ड लौटाने पर विनेश ने कहा कि, “मैं इंसाफ के लिए यहां पहुंची हूं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता, ये लड़ाई जारी रहेगी।” बजरंग पूनिया ने विनेश के अवॉर्ड वापसी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा कि, “यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं।”

AFG vs UAE: गुरबाज के तूफान में उड़ा यूएई, अफगानिस्तान ने 72 रनों से जीता पहला टी20

चुनाव के बाद भी क्यों नाराज हैं पहलवान ?

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव होने के बाद भी सभी पहलवान इसलिए नाराज हैं, क्योंकी चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह (बबलू) ने जीत हासिल की थी। जिसे लेकर Vinesh Phogat, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत कई रेसलर नाराज हैं। ये सभी पहलवान काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी की मांग की थी कि, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।

WTC Points Table: टीम इंडिया को एक ही दिन में दो झटके, टॉप 5 से हुई बाहर

संजय के अध्यक्ष बनते ही साक्षी ने लिया संन्यास

बृजभूषण के अध्यक्ष पद से हटने के बाद जब उनके करीबी संजय सिंह चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने तो बवाल शुरू हो गया। महिला रेसलर साक्षी मलिक ने उसी दिन अपने संन्यास की घोषणा कर दी। साक्षी ने रोते हुए कहा था कि, हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए बूढ़ी महिलाएं आईं, ऐसे लोग भी आए, जिनके पास खाने-कमाने के लिए नहीं है, हम नहीं जीत पाए, लेकिन आप सभी का धन्यवाद, हमने पूरे दिल से लड़ाई लड़ी और इसके बाद साक्षी ने अपने जूते टेबल पर रख दिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here