नई दिल्ली। Sports Code (खेल संहिता) का पालन नहीं करना देश के खेल संघों पर भारी पड़ गया है। खेल मंत्रालय और साई (SAI) ने ऐसे सभी राष्ट्रीय खेल संघों की आर्थिक मदद बंद कर दी है, जो खेल संहिता का पालन नहीं कर रहे हैं। इस फैसले के बाद खेल संघों में हड़कंप मच गया है। इसका पहला असर दिखा ढाका में हुई सेपक टाकरा की दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप, जहां जाने के लिए अधिकांश खिलाड़ियों को अपने स्तर पर रकम का इंतजाम करना पड़ा।
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दरअसल, सेपक टाकरा संघ ने 25 से 31 दिसंबर तक हुई इस चैंपियनशिप के लिए साई से मंजूरी और हवाई यात्रा का खर्चा मांगा था लेकिन साई ने कोई मदद नहीं की। यही कारण रहा कि जकार्ता एशियाई खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों ने चैंपियनशिप के लिए अपने खर्चे पर जाने से मना कर दिया। इसके बाद जूनियर टीम को ढाका भेजा गया। हालांकि इस टीम ने 4 गोल्ड मैडल जीते लेकिन टीम के खिलाड़ियों को अपने स्तर पर ही पूरे खर्चे की व्यवस्था करनी पड़ी। कई खिलाड़ियों को तो उधार पर पैसा लेना पड़ा।
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क्यों रोकी है खेल संघों की मदद
दरअसल, राहुल मेहरा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गत नौ सितंबर को आदेश दिया था कि जो भी खेल संघ राष्ट्रीय खेल संहिता (Sports Code) का पालन नहीं करते हैं, उनकी सरकारी आर्थिक मदद नहीं हो। आदेश के बाद साई ने कुछ समय तक तो फंडिंग जारी रखी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया। अब मंत्रालय अदालत में साल 2023 के मान्यता प्राप्त खेल संघों की सूची रखेगा। उसके बाद ही खेल संघों की आर्थिक मदद का रास्ता साफ होगा।
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खेलो इंडिया के लिए भी रुकी मदद
खेल मंत्रालय ने सभी खेल संघों को बीते वर्ष 31 दिसंबर तक मान्यता दी थी। एक जनवरी से मान्यता को रिन्यू किया जाना था लेकिन अभी तक किसी भी खेल संघ को मान्यता नहीं दी गई है। बिना मान्यता के किसी खेल संघ को आर्थिक मदद करना संभव नहीं है। अब इसकी गाज मध्यप्रदेश में इस महीने के अंत में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स पर भी पड़ती दिख रही है। साई ने अदालती आदेशों का हवाला देकर इन खेलों के लिए भी खेल संघों को दैनिक, यात्रा भत्ता, किट का पैसा देने से मना कर दिया है।