नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहली बार ट्रैक एंड फील्ड के जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने अपने माता-पिता को पहली बार हवाई यात्रा करवाकर अपना सपना पूरा किया। उन्होंने अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से बैंगलुरु की यात्रा की। दरअसल नीरज का बैंगलुरु में सम्मान किया जाना है। जिसके लिए उन्हें फ्लाइट से वहां पहुंचना था। नीरज चोपड़ा अपना सपना पूरा करने के लिए मां सरोज देवी और पिता सतीश चोपड़ा को भी साथ ले गए कर गए हैं।
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Neeraj Chopra माता-पिता के साथ खुश दिखे
Neeraj Chopra ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किया है, जिसमें वह अपने माता-पिता के साथ फ्लाइट के अंदर बैठे हुए हैं और काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने तस्वीरों के साथ एक भावुक मेसेज भी लिखा था कि आज जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ जब अपने मां-पापा को पहली बार फ्लाइट पर बैठा पाया। सभी की दुआ और आशीर्वाद के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।
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अभ्यास से दूर हैं Neeraj Chopra
Neeraj Chopra टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद कहा था कि वह अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताएंगे। उसके बाद वह कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटेंगे। कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप वर्ष 2022 में आयोजित किए जाएंगे।
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अशरद के पक्ष में सोशल मीडिया पर जारी किया था बयान
Neeraj Chopra ने पाकिस्तानी जेवलिन थ्रोअर अशरद नदीम के पक्ष में वीडियो जारी कर बयान दिया था। दरअसल एक इंटरव्यू में नीरज ने कहा था कि टोक्यो में उनका जेवलिन नहीं मिला, तो उन्होंने देखा कि अशरद नदीम उनके जेवलिन लेकर अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने अशरद से अपना जेवलिन वापस लेकर थ्रो किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर अशरद नदीम की आलोचना की जाने लगी थी। उसके बाद नीरज ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बयान दिया था कि नदीम ने कोई गलती नहीं की और उन्होंने किसी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया था। वहां पर सभी एथलीटों के जेवलिन थे और कोई भी किसी का जेवलिन लेकर थ्रो कर सकता था।