बर्मिंघम। Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडल इवेंट्स के दूसरे दिन मीराबाई चानू के गोल्ड ने भारतवासियों को गर्व का अनुभव करवाया। इसके अलावा इस गोल्ड मैडल के साथ ही एक और उपलब्धि भारतीय टीम के साथ जुड़ गई है, जो कॉमनवेल्थ गेम्स के जनक इंग्लैंड को काफी चुभ रही होगी। दरअसल, चानू के गोल्ड मैडल के साथ ही भारत कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के इतिहास में वेटलिफ्टिंग के खेल में इंग्लैंड से ज्यादा कामयाब मुल्क बन गया है।
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अब भारत के नाम 44 गोल्ड और 50 सिल्वर हो गए हैं। जबकि इंग्लैंड के नाम इस खेल में 43 गोल्ड और 48 सिल्वर हैं। ब्रॉन्ज के मामले में भारत (34) पहले से इंग्लैंड (25) से आगे था। भारत सिर्फ ऑस्ट्रेलिया से पीछे है। ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स वेटलिफ्टिंग में अब तक 59, गोल्ड, 52 सिल्वर और 48 ब्रॉन्ज जीते हैं।
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वेटलिफ्टिंग कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के इतिहास में भारत के लिए दूसरा सबसे मजबूत खेल रहा है। इस खेल में भारत ने अब तक 44 गोल्ड सहित 125 मेडल जीते हैं। इससे ज्यादा कामयाबी सिर्फ शूटिंग में मिली है। शूटिंग में हमने अब तक 63 गोल्ड सहित 135 मेडल जीते हैं। इस बार शूटिंग इस मेगा इवेंट का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वेटलिफ्टर्स के ऊपर शानदार प्रदर्शन करने का दबाव और भी ज्यादा है। शनिवार को हमारे खिलाड़ी इस दबाव को झेलते हुए उम्मीद पर खरे उतरे हैं।
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वेट कैटेगरी बदली लेकिन पदक बरकरार
इस बार मेंस और विमेंस की लगभग सभी वेट कैगेटरी में बदलाव किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कॉमनवनेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) और ओलंपिक की वेट कैटेगरी एक जैसी हो जाएं। यही कारण है कि पिछली बार 48 किलो कैटेगरी में गोल़्ड जीतने वाली मीराबाई चानू को इस बार 49 किलो कैटेगरी में हिस्सा लेना पड़ा। लेकिन, उसने 2018 के नतीजे को फिर दोहराया और लगातार दूसरी बार गोल्ड जीता। ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मीरा का यह लगातार तीसरा कॉमनवेल्थ मेडल है। 2014 में उन्होंने सिल्वर जीता था।