इंदौर। IND vs NZ वनडे सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज के पहले मैच में शुभमन गिल के बल्ले ने तूफान ला दिया। उन्होंने दोहरा शतक जड़ा और भारत ने देखते ही देखते 349 रन बना दिए। सीरीज का तीसरा वनडे इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है। लेकिन, इस मुकाबले को लेकर बड़ा विवाद हो गया है। इतना ही नहीं, मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर मध्यप्रदेश के क्रिकेट फैंस को राहत मिलती है या फिर वेन्यू बदला जाएगा।
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टिकटों की कालाबाजारी पर विवाद
इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 24 जनवरी को IND vs NZ सीरीज का तीसरा वनडे खेला जाना है। इससे पहले मैच के टिकटों की बिक्री या यूं कहें कि कालाबाजारी को लेकर विवाद खड़ा गया है। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है जिस पर सुनवाई भी हुई। याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव का कहना है कि महज एक मिनट में 3 हजार से ज्यादा टिकट कैसे बिक गए। इतना ही नहीं, पांच मिनट में सारे टिकट बुक होने पर भी सवाल उठाए गए हैं। राकेश सिंह ने कहा है कि ऐसा कतई संभव नहीं है। इस पर मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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इतनी जल्दी कैसे बिक गए सारे टिकट?
इंदौर में होने वाले मुकाबलों के टिकट की कालाबाजारी को लेकर राज्य के क्रिकेट संघ पर पहले भी उंगलियां उठती रही हैं लेकिन IND vs NZ मैच से पहले इस बार मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एमपीसीए ने 12 जनवरी को सुबह 6 बजे ऑनलाइन टिकटों की बिक्री शुरू की। ऑनलाइट साइटों से महज एक मिनट में 3118 टिकट बिक गए। अगले दूसरे मिनट में 1600 टिकट बिके और पांच मिनट के अंदर 6260 टिकटों की बिक्री हो गई। इतना ही नहीं, 15 मिनट मे सभी सस्ते टिकट बिक गए, जो इतने कम समय में असंभव है।
हैकर्स ने तो नहीं कर दी गड़बड़ी!
याचिकाकर्ता की दलील है कि बैंक ट्रांजेक्शन और फिर ओटीपी आने में ही एक-दो मिनट का समय लग जाता है, ऐसे में 17 हजार टिकट केवल 15 मिनट में बिकने से ऐसा पता चलता है कि कुछ गड़बड़ी है। इसमें कई नाम और मेल आईडी का इस्तेमाल हैकर्स के जरिए किया गया। इसके अलावा पेटीएम और पेटीएम इनसाइडर के अलावा IND vs NZ मैच के टिकट बेचने के लिए तीसरी साइट को एक्सेस दे दिया गया, जिससे एकमुश्त टिकटों की खरीदारी की गई। मामले की शिकायत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीसीसीआई को भी भेजी गई है।
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एमपीसीए ने भी रखा अपना पक्ष
इस मामले में एमपीसीए की ओर से एडवोकेट अजय बागडिय़ा ने पक्ष रखा। उनका कहना है कि एमपीसीए ने IND vs NZ मैच के टिकटों की बिक्री की जिम्मेदारी पेटीएम को दी थी। उसी साइट से टिकटों की बिक्री हुई है और कोर्ट को एक-एक टिकट की जानकारी उपलब्ध कराई है। मिनटभर में 3 हजार से ज्यादा टिकट बिकने पर तर्क दिया गया है कि रेलवे के तत्काल टिकट की साइट जब खुलती है, तो एक मिनट में हजारों ट्रेनों के टिकट एक साथ बुक हो जाते हैं।