चीन का पारंपरिक खेल टी जियान जी, Shuttlecock Kicking के नाम से किया पुनर्जीवित
एक सदी पहले तक लगभग गुम हो चुके इस खेल की अब हो रही हैं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं
नई दिल्ली। Shuttlecock Kicking: दुनिया में जितने देश हैं उनके अपने अलग-अलग पारंपरिक खेल भी हैं। हालांकि यह खेल अब समय के साथ गायब होते जा रहे हैं। फुटबॉल और क्रिकेट के जमाने में कोई भी ऐसे खेलों को नहीं खेलना चाहता है। भारत में गिल्ली डंडे जैसे कई खेल रहे हैं जिसे शहरी बच्चे नहीं जानते। ऐसा ही एक खेल चीन का है जो देखने में बैडमिंटन जैसा लगता है बस इसमें रैकेट का इस्तेमाल नहीं होता।
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अब आप सोचेंगे कि अगर रैकेट का इस्तेमाल नहीं होता यानी शटलकॉक का इस्तेमाल होता होगा, और अगर शटलकॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो फिर बिना रैकेट के उसे मारते कैसे होंगे। इसका जवाब हाल ही में एक वायरल वीडियो से मिला है। हाल ही में ग्रीनबेल्ट और रोड इंस्टिट्यूट के प्रेसिडेंट एरिक सोलहेम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस खेल से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है जिसमें दो लोग मजे से इस खेल को खेलते नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि इस खेल को कहते हैं शटलकॉक किकिंग (Shuttlecock Kicking)।
Wow! True artists!
Chinese traditional sports, kicking shuttlecock.😃😃😃@lsjngs
— Erik Solheim (@ErikSolheim) May 7, 2022
ईसा पूर्व से खेला जा रहा है ये खेल
टी जियान जी के नाम से फेमस इस खेल (Shuttlecock Kicking) में रैकेट की जगह पैरों से शटलकॉक को मारते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये खेल आज का नहीं है। रिपोर्ट्स की मानें तो ये खेल चीन में हान वंश के दौर से खेल जा रहा है जिसका शासन 206 ईसा पूर्व से साल 220 एडी तक था। मिंड वंश (1368-1644) के दौर में इस खेल की प्रतियोगिताएं शुरू हो गईं और क्विंग वंश (1644-1911) तक इस खेल के लिए लगाव अपने चरम पर था जब लोगों ने किक मारने के अंदाज को बदला और खेल में नई-नई ट्रिक्स को अपनाया जाना शुरू हो गया।
Chinese traditional shuttlecock kicking.😁😁😁 pic.twitter.com/ZcCduYtb02
— Sharing travel (@lsjngs) March 15, 2022
खत्म होते खेल को लोगों ने फिर से किया जिंदा
इस खेल में सिर्फ इतना नियम है कि एक बार में एक पैर से शटलकॉक को एक खिलाड़ी मारता है और उसे बिना गिराए हवा में रखना होता है। शटलकॉक को पैर के टखनों से मारा जाता है, मगर जैसे-जैसे लोगों का हुनर बढ़ता है, वैसे-वैसे मारने का तरीका और भी बेहतर होता जाता है। 1930 तक ये खेल खत्म होता जा रहा था मगर नए चीन के निर्माण के दौरान इसे फिर से बढ़ावा दिया गया और देश का पहला आधिकारिक शटलकॉक किकिंग कंप्टीशन गुआंग्जो शहर में साल 1956 में आयोजित किया गया। अब इस खेल को चीन में फिर से बड़े मजे के साथ लोग खेलते हैं।