अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलने पर पूर्व ओलंपियन Hockey प्लेयर का छलका दर्द
Twitter पर किया जाहिर, खेल मंत्री को किया ट्वीट
नई दिल्ली। पहले बॉक्सिंग, फिर रेसलिंग और अब Hockey में भी national sports award नहीं मिलने पर खिलाड़ियों का दर्द छलक कर सामने आ रहा है। इस बार नाराजगी जाहिर की है ओलंपियन Hockey प्लेयर पूनम रानी मलिक ने। अपने खेल से Hockey प्रेमियों की पसंदीदा खिलाड़ियों में शुमार पूनम ने ट्विटर पर अपना दुख जाहिर किया है।
हरियाणा के हिसार की रहने वाली पूनम रानी मलिक ने अर्जुन अवॉर्ड से वंचित रखने जाने पर खेल मंत्री किरण रिजिजु को ट्वीट किया है। खुद को अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलने पर दुखी पूनम ने ट्विटर पर लिखा, क्या यह भी मेरी गलती है कि मैने एक बड़े रहीस या राजनीतिक घर में जन्म नहीं लिया। जो अपनी रहीसी या राजनीतिक पहुंच से मुझे मैडल दिला सके। मेरे पास सिफारिश में मेरा खेल और मेरी मेहनत है, जो मैं आपको दिखा सकती हूं।
पूनम भारतीय महिला Hockey टीम का एक अहम चेहरा रही हैं। और साल 2016 में रियो ओलंपिक में बतौर फॉरवर्ड प्लेयर भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रह चुकी हैं।
आज बहुत अफ़सोस है मुझे की दावेदार होने बावजूद भी नही दिया गया अर्जुन अवॉर्ड के लिए चयनित नहीं किया।कब तक ये छोटे- बड़े का भेदभाव कब तक ये संघर्ष पर जब तक भी हो आख़री दम तक लड़ती रहूँगी ओर हार नहीं @IndiaSports @KirenRijiju @RijijuOffice @Media_SAI @imsardarsingh8 @flickersingh pic.twitter.com/ZAByXapL5L
— Poonam Rani Malik15 (@PoonamHockey) August 21, 2020
क्यों सामने आई नाराजगी
दरअसल, नेशनल स्पोट्र्स अवॉर्ड की घोषणा के साथ ही उन खिलाड़ियों का दर्द सामने आने लगा है, जो इनसे वंचित रह गए हैं। विजेता खिलाड़ियों का चयन बकायदा एक चयन समिति के माध्यम से किया गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि हर बार नामों की घोषणा के साथ ही विवाद क्यों उठने लगते हैं। और इन विवादों को शांत करने के लिए आखिर कदम क्यों नहीं उठाए जाते हैं। पूनम ने ट्विटर पर लिखा, आज बहुत अफसोस है मुझे कि दावेदार होने के बावजूद भी मुझे अर्जुन अवाॅर्ड के लिए चयनित नहीं किया गया। कब तक छोटे-बड़े होने का भेदवान, कब तक ये संघर्ष। जब तक भी हो, आखिरी दम तक लड़ती रहूंगी और हार नहीं मानूंगी।
क्या यह भी मेरी गलती है क्या मैने एक बड़े रहीस या राजनीतिक घर में जन्म नहीं लिया जो अपनी रहिसी से या राजनीतिक पहुंच से मुझे मैडल दिला सके।मेरे पास सिफारिश में मेरा खेल व मेरी मेहनत है जो में आप को दिखा सकती हूं। @Media_SAI @RijijuOffice @GoongaPahalwan @flickersingh
— Poonam Rani Malik15 (@PoonamHockey) August 23, 2020
किसान के घर से ओलंपिक फील्ड तक
हिसार के उमरा गांव की रहने वाली ओलंपियन पूनम मलिक के पिता दबलीर सिंह किसान हैं। पूनम ने छठी कक्षा से ही Hockey खेलना शुरू कर दिया था। गांव से शुरू हुआ उनका HOCKEY का सफर बाद में रियो ओलंपिक तक पहुंचा। लेकिन इस दौरान कड़ी मेहनत और संघर्ष के दम पर ही पूनम ने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई।
आयकर विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनाती
पूनम फिलहाल आयकर विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। अभी तक वे भारतीय टीम के लिए 200 मैच खेल चुकी हैं। लॉकडाउन के दौरान भी पूनम ने अपने अभ्यास को बंद नहीं होने दिया और फिटनेस को लेकर खासी गंभीर रहीं।
हरियाणा को बनाया नेशनल Hockey चैंपियन
साल 2020 में पूनम ने हरियाणा को नेशनल Hockey का सरताज बना दिया। पूनम की कप्तानी में केरल में खेली गई दसवीं सीनियर नेशनल महिला हॉकी चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की टीम को हराकर हरियाणा चैंपियन बना। पूनम अंडर-18 और अंडर 21 भारती टीम की कप्तानी भी कर चुकी है।