नई दिल्ली। Komalika Bari: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय तीरंदाजी टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी और अतनु दास का सफर भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच कर ही समाप्त हो गया। ऐसे में अब पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक से पहले तीरंदाजों की नई खेम सामने आना जरूरी है। इस लिहाज से यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप की युवा गोल्डन गर्ल कोमलिका बारी (Komalika Bari) नई उम्मीद बन कर उभरी हैं।
#WorldArchery Youth Championship – #Poland
🥇GOLD🥇🏹🎯
5th 🥇 for the Day
Komalika Bari 🇮🇳 defeated Elia Canales 🇪🇦 by 7-3 and become U21 Recurve Girls World “CHAMPION”.#Archery #WAYC2021 #IndianArchery #TeamIndia@ntpclimited @Media_SAI pic.twitter.com/VmdKDqFAzh
— ARCHERY ASSOCIATION OF INDIA (@india_archery) August 15, 2021
बहुत कम लोग जानते हैं कि कोमलिका टोक्यो ओलंपिक के दावेदारों में भी शामिल थीं लेकिन ऐन वक्त पर मिली एक हार ने उन्हें टोक्यो के लिए क्वालिफाई करने से रोक दिया। लेकिन व्रोकला में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीतकर कोमलिका ने बता दिया कि दीपिका के बाद अब वो भारत की तीरंदाजी टीम का बड़ा चेहरा बनने को तैयार हैं। कोमलिका ने यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में स्पेन की एलिया कैनालेस को हराकर गोल्ड मैडल पर कब्जा किया। आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं Komalika Bari:–
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12 साल की उम्र में थामा था धनुष
कोमलिका बारी ने (Komalika Bari) 12 साल की उम्र में पहली बार धनुष-बाण उठाया था। उनके इस शौक को करियर बनाने में उनकी मां का बड़ा योगदान रहा। जिन्होंने कोमलिका की प्रतिभा को देखकर उनके लिए कोच की व्यवस्था की, ताकि उसे हुनर सिखाए जा सकें। सामान्य परिवार से होने के कारण कोमलिका ने बांस के धनुष से प्रशिक्षण शुरू किया। 2012 से शुरू हुआ कोमलिका का तीरंदाजी का सफर 2016 में जमशेदपुर स्थित टाटा तीरंदाजी अकादमी पहुंचा। जहां प्रवेश मिलने के बाद कोच धर्मेंद्र तिवारी और पूर्णिमा महतो ने उसे कोचिंग देना शुरू किया। भारत के स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी और अतनु दास भी इसी अकादमी की देन हैं।
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शुरूआती उपलब्धियां
टाटा तीरंदाजी आकदमी में प्रशिक्षण शुरू करने के बाद 2019 में कोमलिका को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। इस साल कोमलिका (Komalika Bari) ने विश्व तीरंदाजी युवा और कैडेट चैंपियनशिप में महिला कैडेट रिकर्व श्रेणी का गोल्ड मैडल जीता। यह उपलब्धि हांसिल करने वाली बारी दीपिका कुमारी के बाद भारत की दूसरी तीरंदाज बनीं। अपनी प्रतिभा के दम पर सिर्फ 18 साल की उम्र में ही कोमलिका ने भारतीय सीनियर टीम में जगह बना ली। उन्हें टोक्यो ओलंपिक के क्वालिफाइंग दौर के लिए बनाए गए कोर ग्रुप में चुना गया। लेकिन क्वालिफायर में अंतिम 16 राउंड में मिली हार ने टोक्यो में खेलने का उनका सपना तोड़ दिया।