नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने खेल और खिलाड़ियों को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। जिसके अनुसार Corona के चलते जो भी खेल संघ साल 2020-21 की विभिन्न आयु वर्गों में राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं करा पाए हैं, अब उन्हें इन चैंपियनशिप को कराने के लिए 6 माह का समय दिया है। इससे खिलाड़ियों को राहत मिलेगी।
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खिलाड़ियों को मिलेगा फायदा
खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल संघों को स्पष्ट कहा है कि 30 सितंबर 2021 तक साल 2020-21 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की जा सकेगी। इस निर्णय से देश के लाखों खिलाडिय़ों को लाभ मिलेगा। 2020-21 में कुछ ही खेल संघों ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराई थी। वहीं ज्यादातर ऐसे खेल संघ हैं जो अपनी एक भी राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं करा पाए हैं।
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खेल संघों ने खेल मंत्रालय से लगाई थी गुहार
भारतीय भारोत्तोलन संघ के अलावा कई खेल संघों ने खेल मंत्रालय से गुहार लगाई थी कि वे Corona के चलते अपनी राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने में समर्थ नहीं हैं। इसिलए चैंपियनशिप कराने का समय बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि खिलाडिय़ों का नुकसान नहीं हो। मंत्रालय के निर्णय के बाद खेल संघ पुराने नियम के हिसाब से चैंपियनशिप करा सकेंगे। जिन खिलाडिय़ों की उम्र निकल गई है वह अब खेल सकेंगे। हालांकि इस चैंपियनशिप में उम्र के हिसाब से अब खेलने के योग्य हो गए खिलाड़ी नहीं खेल पाएंगे।
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चैंपियनशिप में खेलने के खिलाड़ियों के फायदे
खेल संघों की ओर से कराई जाने वाली सीनियर, जूनियर, सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खिलाडि़यों द्वारा किया गया प्रदर्शन भारतीय टीम में चयन का मुख्य आधार बनता है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, प्रोफेशनल कोर्सेज के साथ विभिन्न संस्थानों में नौकरी और प्रमोशन में भी इसका फायदा मिलता है। यही वजह है कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं होने से बड़ी संख्या में खिलाड़ी प्रभावित हो रहे थे। NRAI के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप को रद्द करते समय यह कहा भी था कि चैंपियनशिप नहीं कराने का असर अभी नहीं दिखेगा। इसकले दो वर्षों में तब लगेगा जब उन्हें भारतीय टीम के लिए नए शूटर नहीं मिलेंगे।
Corona के कारण बढ़ा खर्च
भारतीय कुश्ती संघ ही इकलौता खेल संघ है जिसने अपने सभी आयु वर्गों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया है। बाकी अन्य खेल संघों को अपनी सभी राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करना है। गौरतलब है कि Corona के चलते तय SOP के अनुसार बढ़ी लागत के कारण चैंपियनशिप का आयोजन खेल संघों के लिए बड़ी चुनौती होगी। एक खेल संघ को तीनों चैंपियनशिप के लिए मंत्रालय साढ़े 22 लाख रुपये देता है। खेल संघों का मानना है कि यह राशि काफी कम है।