नागपुर। IND vs AUS चार मैचों की टेस्ट सीरीज का कल से आगाज होने जा रहा है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 के तहत होने वाली इस सीरीज का पहला मुकाबला नागपुर में खेला जाएगा। नागपुर में होने वाले इस टेस्ट से पहले वहां की पिच को लेकर बहुत सारी बातें की जा रही थीं। वहीं सीरीज शुरू होने के कुछ हफ्तों से पहले से ही स्पिन पिच को लेकर काफी चर्चाएं भी हो रही थीं। इन्हीं सब अटकलों के बीच अब नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच की पहली तस्वीर सामने आई है। ऑस्ट्रेलियाई उपकप्तान स्टीव स्मिथ इसका जायजा लेते दिख रहे हैं।
पिच देखने के बाद और उलझ गए स्मिथ
वहीं पिच का मिजाज देखने के बाद स्मिथ ने मीडिया के सामने एक बयान भी दिया है। उनके इस बयान से साफ लगने लगा कि उन्हें IND vs AUS मैच के पहले से ही भारतीय लेफ्ट आर्म स्पिनर्स से डर सताने लगा है। आपको बता दें कि, स्मिथ ने पिच का जायजा लेने के बाद अपने बयान में पिच को ड्राई (सूखा) बताया है। उन्होंने कहा कि पिच का एक हिस्सा बेहद सूखा हुआ है जहां लेफ्ट आर्म स्पिनर्स को फायदा मिल सकता है। स्मिथ ने कहा कि लेफ्ट आर्म स्पिनर हमारे लेफ्ट हैंडर्स के लिए गेंद अंदर ला सकते हैं। खास बात यह है कि अगर ग्रीन नहीं खेलते हैं और मैथ्यू रेनशॉ को मौका मिलता है, तो ऑस्ट्रेलिया के टॉप-7 में से पांच बल्लेबाज लेफ्ट हैंडर होंगे।
लेफ्ट आर्म स्पिनर्स को होगा जमकर फायदा
स्टीव स्मिथ ने आगे यह भी कहा कि पिच का एक हिस्सा ड्राई है जहां बाएं हाथ के स्पिनर्स फायदा उठा सकते हैं। जबकि दूसरा हिस्सा ऐसा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि, दूसरे हिस्से के बारे में वह कुछ खास अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। खास बात यह है कि IND vs AUS टेस्ट के लिए भारत के पास रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल के रूप में बाएं हाथ के दो ऑफ स्पिनर हैं तो कुलदीप यादव भी बाएं हाथ के लेग स्पिनर यानी चाइनामैन गेंदबाज हैं। उधर, ऑस्ट्रेलिया के पास एश्टन एगर ही एकमात्र बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर की भूमिका निभा सकते हैं।
कैसा रहता है नागपुर की पिच का मिजाज?
आमतौर पर बात करें तो नागपुर में लाल मिट्टी की पिच बनाई जाती है। इस पर तेज गेंदबाजों को अत्यधिक उछाल के साथ शुरुआती वक्त में मदद भी मिलती है। ऐसी उछाल भरी पिचों पर IND vs AUS मुकाबले में अक्षर पटेल जैसे स्पिनर काफी कारगर भी साबित हो सकते हैं। वहीं बल्लेबाजों को भी उछाल भरी पिचों पर रन बनाने में खास दिक्कत नहीं होती है। यहां की आउटफील्ड भी काफी तेज है जिससे बल्लेबाजों को फायदा मिल सकता है। फिर जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते हैं तो नागपुर की पिच स्लो हो जाती है। फिर स्पिनर्स के लिए इससे मदद बढ़ जाती है। कुल मिलाकर यहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए अच्छा करने का मौका रहता है।