Mary Kom ने TOPS स्कीम में आने से किया इनकार, कहा-युवा बॉक्सर्स को दें मौका

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Mary Kom refuses to join TOPS scheme, says give chance to young boxers
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नई दिल्ली। Mary Kom: भारतीय दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम (Mary Kom) अब केंद्र सरकार की TOPS स्कीम का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं। मैरी कॉम ने बुधवार को मिशन ओलंपिक सेल से सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (TOPS) में विस्तार के लिए उनके नाम पर विचार नहीं करने का अनुरोध किया।

भारत की दिग्गज बॉक्सर Mary Kom ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा, “कई सालों से मुझे हमारी सरकार की ओर से पूरा समर्थन मिल रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि अब हमारे युवा एथलीटों को उनके ओलंपिक सपने को पूरा करने के लिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए। इसलिए मैंने मिशन ओलंपिक सेल से अनुरोध किया है कि मेरा नाम TOPS की सूची में शामिल नहीं किया जाए।”

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दरअसल, युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा साल 2014 में टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना शुरू की गई थी। हर चार साल में होने वाले ओलंपिक इवेंट में भारत के प्रदर्शन में सुधार करना ही इस योजना का उद्देश्य है।

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ये बॉक्सर हैं TOPS स्कीम का हिस्सा

Mary Kom, लवलीना बोरगोहेनए पूजा रानीए कॉमनवेल्थ गेंम्स 2022 की गोल्ड मैडलिस्ट निखहत जरीन, नितू घांघास, अरुणधती चौधरी और जैसमिन लंबोरिया इस योजना का हिस्सा हैं।

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क्या है TOPS स्कीम

इस स्कीम के अंतर्गत भारतीय एथलीटों को शीर्ष स्तर की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। एथलीटों को 50,000 रूपए के मासिक भत्ते के अलावा ट्रेनिंग के लिए विश्व स्तरीय कोच, खेल के लिए विभिन्न उपकरण, शारीरिक प्रशिक्षक, खेल मनोवैज्ञानिक, फिजियोथेरेपिस्ट जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

Mary Kom हैं टॉप्स की पहली लाभार्थी

छह बार की वर्ल्ड चैंपियन Mary Kom टॉप्स स्कीम की सबसे पहली लाभार्थी रही हैं। 39 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज साल 2014 से 2018 तक लगातकर TOPS की सूची में शामिल रहीं थी। इसके बाद फिर उन्होंने पिछले साल टोक्यो ओलिंपक के दौरान इस सूची में वापसी की थी। Mary Kom दुनिया की एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने अपने करियर में छह बार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती हैं। पांच बार की एशियाई चौंपियन 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज भी थीं।

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