नई दिल्ली। Boxing: रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ लड़कर वापस लौटे यूक्रेन के मुक्केबाज ओलेक्जेंडर यूसिक ने ब्रिटेन के एंथोनी जोशुआ को शिकस्त देकर अपना विश्व हेवीवेट खिताब सुरक्षित रखा। पिछले साल भी यूसिक ने जोशुआ को हराया था लेकिन इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा रहा। किंग अब्दुल्ला स्पोर्ट्स सिटी एरिना में निर्णय से पहले दोनों मुक्केबाजों ने यूक्रेन का ध्वज ले रखा था, जब यूसिक को विजेता घोषित किया गया तो उन्होंने यूक्रेनी झंडे के पीछे अपना चेहरा छिपा लिया।
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पैंतीस साल के यूसिक ने युद्ध के दौरान लगभग छह महीनों में डब्ल्यूबीए, डब्ल्यूबीओ और आईबीएफ Boxing बेल्ट सुरक्षित रखी है। इस जीत के साथ उन्होंने रिंग मैगजीन बेल्ट भी अपने नाम की। अब बस डब्ल्यूबीसी की बेल्ट उनके पास नहीं है जो टायसन फ्यूरी के रिटायरमेंट के बाद खाली हो गई है। इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि टायसन फ्यूरी अभी संन्यास नहीं लेंगे। वह मुझसे भिड़ना चाहेंगे।
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यूसिक के लिए जेलेंस्की ने भेजा संदेश
यूसिक को Boxing मुकाबले से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने संदेश भेजा था। इस जीत के साथ यूसिक ने युद्धपीड़ित यूक्रेन के लोगों को खुशी का मौका प्रदान किया। जब मुकाबला समाप्त हुआ तो दोनों मुक्केबाज थककर चूर हो गए थे। यूसिक रिंग में गिर पड़े और ऊपर की ओर देखने लगे। जोशुआ ने आकर उन्हें गले लगाया। रिंग में ही जोशुआ ने यूसिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूक्रेन के हालात के बीच उन्होंने बेहतरीन मुकाबला खेला।
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रामला ने महज 65 सेकंड में जीता मैच
यूसिक और जोशुआ के बीच Boxing मुकाबले से पहले सोमालिया मूल की ब्रिटिश मुक्केबाज रामला अली ने डोमनिक गणराज्य की क्रिस्टल गार्सिया को एक मिनट पांच सेकंड में नॉकआउट कर दिया। यह सउदी अरब में महिलाओं का पहला प्रो बॉक्सिंग मुकाबला था। रामला ने लगातार सातवां मुकाबला जीता।