नई दिल्ली। भारत के लिए दूसरी मीराबाई चानू तलाशने का जिम्मा भारतीय मूल के जाने-माने साउथ अफ्रीकी प्रशिक्षक अविनाश पांडू को सौंपा गया है। भारतीय भारोत्तोलन संघ और साई ने मारीशस में पैदा हुए पांडू को साढ़े तीन लाख रुपए प्रति माह के वेतन पर 2024 के पेरिस ओलंपिक तक बतौर हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर अनुबंधित किया है।
भारतीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे अविनाश
अविनाश पांडू जल्द ही भारतीय वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) से जुडने वाले हैं। उनका काम पेरिस और लॉस एंजेल्स (2028) ओलंपिक के लिए उभरते लिफ्टरों को तराशना और भारतीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने का रहेगा।
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मीरा में दूसरे ओलंपिक पदक जीतने की क्षमता
2016 के रियो ओलंपिक में इंडोनेशिया को दो ओलंपिक पदक दिलाने वाले पांडू भारतीय वेटलिफ्टिंग से जुड़ने पर बेहद उत्साहित हैं। हालांकि उनका भारत से सीधा कोई नाता नहीं है। मारीशस में वह पैदा हुए हैं और दक्षिण अफ्रीका में उनकी पढ़ाई हुई है। पांडू को विश्वास है कि मीराबाई टोक्यो के पदक की कहानी को पेरिस में दोहराने की कूवत रखती हैं।
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यदि फोकस है तो यह संभव है
वह बताते हैं कि उन्होंने इंडोनेशिया के चार बार के ओलंपिक पदक विजेता इको यूली इरावान के साथ काम किया है। यदि फोकस है तो यह संभव है। वह मीरा को लंबे समय से देख रहे हैं। उन्होंने रियो में खुद उन्हें पदक से चूकते देखा और बाद में वह टोक्यो में रजत जीतीं। मीरा विजय शर्मा के संरक्षण में सही रास्ते पर जा रही हैं।
विजय शर्मा ने पांडू को तलाशा
संघ के अध्यक्ष सहदेव यादव खुलासा करते हैं कि पांडू विजय शर्मा की खोज हैं। विजय उन्हें लंबे समय से जानते हैं। दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया के साथ उन्हें बहुत अच्छा काम किया है। दरअसल उन्हें एक ऐसे प्रशिक्षक की जरूरत थी जो नई प्रतिभाएं तराश सके, अकादमियों में कोचिंग का तंत्र स्थापित करे और भारतीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित भी कर सके। पांडू इंडोनेशिया में भी प्रतिभाओं को तलाशते थे।