भारत के जिम्नास्टों के Tokyo Olympics में पहुंचने की उम्मीदें खत्म
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण एक अन्य World Cup के रद्द हो जाने से महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर सहित अन्य भारतीय जिम्नास्टों के इस साल होने वाले Tokyo Olympics में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। यूरोप में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने से FIG ने 25 फरवरी से होने वाले कोटबस विश्व कप और 4 मार्च से बाकु में होने वाले विश्व कप को रद कर दिया है। जबकि दोहा में 10 मार्च से होने वाले विश्व कप को भी स्थगित कर दिया है।
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Olympic क्वालीफिकेशन प्रणाली में बड़ा बदलाव
दीपा करमाकर के कोच बिशेश्वर नंदी ने न्यूज एजेंसी IANS से कहा, “हम तैयार हैं, लेकिन Tokyo Olympics क्वालीफिकेशन प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं है। मुझे नहीं पता कि आगे की क्या प्रक्रिया होगी।”
तीन Olympic क्वालीफायर्स में भाग लेना जरूरी
कोच नंदी के अनुसार Tokyo Olympics क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने के लिए तीन ओलंपिक क्वालीफायर्स में भाग लेना जरूरी है, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाएंगे। रियो ओलंपिक में भाग ले चुकीं 27 वर्षीय दीपा करमाकर को मार्च 2019 में घुटने में चोट लगी थी, जिसके कारण वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग नहीं ले सकी थीं।
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फिलहाल दीपा के पास आधे से सभी कम अंक
कोच नंदी का कहना है, ” Olympic का टिकट हासिल करने के लिए एथलीट को 90 अंक चाहिए होते हैं और फिलहाल दीपा के पास इसके आधे से भी कम अंक हैं। हम विश्व संस्था का आधिकारिक रूप से कुछ कहने का इंतजार कर रहे हैं।”
रियो ओलंपिक में दीपा ने रचा था इतिहास
दीपा ने 2016 में हुए रियो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल कर इतिहास रचा था। हालांकि, वह 150 के अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गई थीं। दीपा ने 15.066 का स्कोर किया था, जबकि स्विटजरलैंड की गियुलिया स्टेइनग्रबर ने 15.216 का स्कोर कर कांस्य पदक जीता था।