नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में सोने का पदक जीतने वाले नीरज चौपड़ा (Neeraj Chopra) का अगला लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतना है। नीरज का कहना है कि विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज की तरह ही पदक जीतना ही मेरा सपना है। हालांकि विश्व चैंपियनशिप, ओलंपिक से भी मुश्किल है और अगला टारगेट यही है। अब उनके एजेंडे में सबसे पहले अगले साल राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के अपने खिताब को बचाव करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गोल्ड हासिल करने के बाद काफी देर तक मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। सब कुछ सपने की तरह लग रहा था। हाथ में स्वर्ण देखता हूं तो विश्वास हो जाता है, हां जीता हूं।
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शिविर में मिली सुविधा तो लक्ष्य तक पहुंचा
Neeraj Chopra ने कहा कि 2014 राष्ट्रीय खेलों में पांचवें स्थान पर रहने के बाद मुझे राष्ट्रीय शिविर में शामिल कर लिया गया। यहां आने के बाद जो सुविधाए मिली उससे काफी बदलाव आया। एक तरह से जिंदगी ही बदल गई। पहले वह खुद खाना बनाते थे। भाला भी स्तरीय नहीं था, लेकिन शिविर में अच्छा खाना और भाला मिला तो वहीं से बुलंदियों का सफर शुरू हो गया।
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चीफ कोच पहली बार लेकर गए थे झंडे
एथलेटिक्स के चीफ कोच राधाकृष्णन ने कहा कि इस बार जिस तरह से विदाई समारोह आयोजित किए जा रहे थे, अलग माहौल लग रहा था। उन्हें तभी लगा कि इस बार ओलंपिक में कुछ खास होगा। एथलेटिक्स में पदक नहीं आते हैं तो कोई चीफ कोच अपने साथ तिरंगा झंडा लेकर नहीं जाता है, लेकिन वह चार तिरंगे लेकर गए। उन्हें लग रहा था कि एथलेटिक्स में तीन तिरंगों की जरूरत पड़ सकती है। उन्होंने एक और अतिरिक्त झंडा रख लिया। Neeraj Chopra ने इनका मान रख लिया।
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अब देश हर साल 7 अगस्त को मनाएगा भाला फेंक दिवस
टोक्यो ओलंपिक में Neeraj Chopra ने भाला फेंक प्रतियोगिता में सात अगस्त को गोल्ड मेडल जीता था। अब सात अगस्त का दिन न केवल नीरज चौपड़ा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खास हो गया है। एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने इस दिन को पूरी तरह नीरज को समर्पित कर दिया है। एएफआई प्लानिंग कमीशन के चेयरमैन डॉ. ललित भनोट ने सात अगस्त को भाला फेंक दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। इस दिन पूरे देश में भाला फेंक की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं करवाई जाएगी। बाद में इन्हें जिला स्तर तक बढ़ाया जाएगा।