नई दिल्ली। ओलंपिक (Olympic) के इतिहास में भारत ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन टोक्यो में किया है। उसने टोक्यो ओलंपिक में 7 मेडल अपने नाम किए। भारत ने ‘खेलों के महाकुंभ’ का अंत गोल्ड मेडल जीतकर किया। जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक पर कब्जा करके आने वाले ओलंपिक में भारत के लिए नई उम्मीदें जगा दी हैं। नीरज के इस एतिहासिक प्रदर्शन से उन खिलाड़ियों को हौसला मिलेगा, जो ये सोचते थे कि एथलेटिक्स में भारत पदक नहीं जीत सकता।
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भारत ने टोक्यो Olympic में कुल 7 मेडल जीते लेकिन भारत के कई दावेदार पोडियम फिनिश नहीं कर पाए। हालांकि उन्होंने भी टोक्यो में अपने नाम का डंका बजाने में कमीं नहीं की। ऐसे में अब भारत को पेरिस ओलंपिक में उनसे और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है ताकि भारत अपने पदकों को दो अंकों तक पहुंचा सके।
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दीपक पूनिया- टोक्यो में अगर किसी युवा खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया तो वो थे भारत के युवा रेसलर दीपक पूनिया। भारत का यह पहलवान अपने पहले ही Olympic में सेमीफाइनल तक पहुंचा। यहां ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलने का मौका भी मिला लेकिन अंतिम कुछ सेकंड में कांस्य चूक गया। लेकिन टोक्यो के अपने सफर में दीपक ने बता दिया कि उनमें दम है। उन्होंने जिस तरह से दबंगई से सेमीफाइनल में दस्तक दी थी, उसने दिखा दिया कि पेरिस में पूरे अनुभव के साथ वो पोडियम फिनिश कर सकते हैं।
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अदिति अशोक- परंपरागत खेलों में भारतीय एथलीट्स के प्रदर्शन के हंगामे के बीच भारत की एक ऐसी खिलाड़ी राउंड दर राउंड ओलंपिक मेडल की तरफ कदम बढ़ा रही थी। फिर अचानक सुर्खियां सामने आईं कि भारत गोल्फ में पहला पदक हांसिल कर सकता है क्योंकि भारत की युवा गोल्फर अदिति अशोक इवेंट में दूसरे स्थान पर चल रही हैं। यहीं से सब कुछ बदल गया। देश के 135 करोड़ लोग इस युवा खिलाड़ी के लिए दुआओं में जुट गए। हालांकि अंतिम पलों से अदिति सिर्फ एक शॉट से पदक चूक गईं और चौथे स्थान पर हीं। लेकिन यह जता दिया कि पेरिस में भारत को अगर गोल्फ में कोई पदक दिला सकता है तो उस का नाम अदिति ही होगा।
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दीपिका कुमारी- दुनिया की नंबर 1 आर्चर दीपिका कुमारी ने इंडिविजुअल आर्चरी में पदक की उम्मीद जताई और क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन दुर्भाग्य से क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं। अब दीपिका के पास तैयारी के लिए और 3 साल हैं। उम्मीद है कि पेरिस में दीपिका भी पोडियम फिनिश करेंगी।
अतनु दास- आर्चरी में जिस दूसरे खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से टोक्यो में धमाका किया वो थे अतनु दास। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अतनु का सफर समाप्त हुआ लेकिन उससे पहले उन्होंने लंदन ओलंपिक के गोल्ड मैडलिस्ट को हराकर अपने तेवर दिखा दिए। यही कारण है कि अतनु जब अगली बार Olympic में उतरेंगे तो उनसे मैडल की पूरी उम्मीद होगी।