बाकू। Chess World Cup: रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा और विश्व नंबर एक नार्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व कप के फाइनल की पहली बाजी बराबरी पर छूटी। क्लासिकल प्रारूप की इस बाजी में प्रगनाननंदा सफेद मोहरों से खेल रहे थे, लेकिन कार्लसन ने उन्हें 35वीं चाल में ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया। अब दोनों के बीच आज क्लासिकल प्रारूप की दूसरी बाजी खेली जाएगी। इसमें जो भी विजेता बनेगा उसे विश्व कप का खिताब मिलेगा। अगर यह बाजी भी बराबर छूटती है तो फिर टाईब्रेकर का सहारा लिया जाएगा।
Chess World Cup: भारत के प्रज्ञानानंद फाइनल में पहुंचे, रचा इतिहास
कार्लसन के पास सफेद मोहरों से खेलने का लाभ
Chess World Cup में आज होने वाली दूसरी बाजी में मैग्नस कार्लसन के पास सफेद मोहरों से खेलने का लाभ रहेगा। 25 चालों के बाद प्रज्ञानानंदा के पास 18 और कार्लसन के पास 30 मिनट का समय बाकी था। 14वीं चाल में प्रज्ञानानंदा ने 17 मिनट का समय लिया। वहीं कार्लसन तेजी से जवाब दे रहे थे। प्रज्ञानानंदा समय के फेर में फंसते नजर आ रहे थे, लेकिन उन्होंने बोर्ड पर अपनी स्थिति खराब नहीं होने दी। वहीं तीसरे स्थान के लिए खेले जा रहे मुकाबले में अजरबैजान का निजात एबासोव ने अमेरिका के फैबियानो कारुआना को पहली बाजी में सफेद मोहरों से हरा दिया।
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प्रज्ञानानंदा पहले भी दे चुके है कार्लसन को मात
प्रज्ञानंद पहले कार्लसन को हरा चुके हैं और इस बार भी उम्मीद होगी कि वह इस दिग्गज खिलाड़ी को मात दें। लेकिन कार्लसन को हराना आसान नहीं होगा। हालांकि प्रज्ञानंद उन्हें किस हद तक टक्कर दे सकते हैं ये Chess World Cup फाइनल के पहले गेम में देखने को मिल गया। भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने फाइनल के पहले गेम में मैग्नस कार्लसन के खिलाफ ड्रॉ खेला है। दोनों के बीच शानदार खेल देखने को मिला 18 साल के भारतीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन को ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया। सफेद मोहरों से खेलते हुए प्रज्ञानंद ने कार्लसन को जमकर परेशान किया और 35 चालों के बाद दोनों ने ड्रॉ पर पर सहमति जताई।
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आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे है प्रज्ञानानंदा
शानदार पहले गेम के बाद भारत के युवा सितारे ने कहा कि उन्हें इस गेम में बिल्कुल भी मुश्किल नहीं हुई। कार्लसन ने कहा कि बुधवार को जो गेम होगा उसमें कड़ी टक्कर होगी। उन्होंने कहा कि प्रज्ञानानंद निश्चित तौर पर मजबूत खेल दिखाएंगे और ऐसे में वह तारोताजा होकर उनका सामना करने उतरेंगे। कार्लसन को यहां फूड पॉइजनिंग से परेशानी हो रही है। कार्लसन ने कहा कि उन्होंने ब्रेक भी लिया लेकिन फिजिकली अपने बेस्ट शेप में नहीं हैं। गौरतलब है कि प्रज्ञानंद ने सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-3 फाबियानो कारुआना को 3.5-2.5 से हरा Chess World Cup के फाइनल में जगह बनाई थी। वह फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं।