स्विट्जरलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने ओलंपिक चैंपियन कैस्टर सेमेन्या की याचिका खारिज की
खेल पंचाट के फैसले पर लगाई मुहर, Hormone इलाज नहीं करवाया तो टोक्यो ओलंपिक से हो सकती हैं बाहर
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका की ओलंपिक चैंपियन कैस्टर सेमेन्या के महिलाओं के साथ दौड़ने पर रोक लगा दी गई है। सेमेन्या के शरीर में पुरुष Hormone की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया था। मंगलवार को स्विट्जरलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने सेमेन्या केस में फैसला दिया। कोर्ट ने उनके शरीर में मौजूद पुरुष Hormone को कम करवाने के लिए इलाज के आदेश दिए साथ ही उनके महिलाओं के साथ दौड़ने पर रोक लगा दी।
गौरतलब है कि पिछले साल द कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (खेल पंचाट) ने सेमेन्या को पुरुष Hormone कम कराने के आदेश दिए थे। खेल पंचाट ने कहा था कि सेमेन्या को शरीर में रिसने वाले मेल Hormone टेस्टोस्टेरॉन को दवा लेकर कम कराना होगा। सेमेन्या ने इस फैसले के खिलाफ स्विस कोर्ट में अपील दायर की थी, जो अब खारिज हो गई है।
Swiss court confirms Olympic 800m champion #CasterSemenya cannot compete without hormone-suppressing treatment; Caster had appealed to set aside a 2019 Court of Arbitration ruling that female athletes with a high natural level of testosterone must take medication to reduce it pic.twitter.com/BaNmLrXOtj
— DD India (@DDIndialive) September 8, 2020
आदेश मानने से किया इनकार
सेमेन्या ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होने कहा कि वे ऐसे नियमों से सहमत नहीं हैं। साथ ही उन्होंने खुद में बदलाव के लिए किसी भी इलाज से इनकार कर दिया। सेमेन्या का कहना है कि वे वल्र्ड एथेलेटिक्स के इस तरह के आदेश नहीं मान सकती हैं। हालांकि ऐसा नहीं करने पर उन्हें अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक से बाहर रहना पड़ेगा।
Chills my people,A man can change the rules but the very same man can not rule my life,What I’m saying is that I might have failed against them the truth is that I have won this battle long ago,Go back to my achievements then you will understand.Doors might be closed not locked.
— Caster Semenya (@caster800m) September 8, 2020
शरीर में टेस्टोस्टेरॉन Hormone की मात्रा ज्यादा
सेमेन्या अपने करियर में ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स में 2-2 और वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। 2009 में आईएएफ ने सेमेन्य का जेंडर टेस्ट करवाया था। जिसमें उनके शरीर में पुरुष Hormone टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा ज्यादा पाई गई थी। रिपोर्ट के बाद उनके महिलाओं के साथ दौड़ने पर रोक लगा दी गई थी। आईएएफ ने साफ कहा था कि अगर वो रनिंग करना चाहती हैं, तो उन्हें पुरुषों के साथ दौड़ना होगा। या फिर टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा को कम करवाना होगा।
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दवा लेने से किया इनकार
सेमेन्या ने खेल पंचाट के आदेशों के बाद भी Hormone कम करने की दवा लेने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि शरीर भगवान का बनाया हुआ है, वे इससे छेड़छाड़ नहीं करेंगी। दरअसल, टेस्टोस्टेरॉन पुरुष Hormone है। यह पुरुषों के शरीर में ही होता है। इसकी मात्रा 300 से 1000 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच हो सकती है। महिलाओं में इसकी मात्रा 20 से 30 होती है। सेमेन्या के शरीर में यह टी-लेवल बढ़कर 400 से 500 के बीच पहुंच गया है। इसी वजह से वे अन्य महिला एथलीट्स से जेनेटिक रूप से काफी ज्यादा मजबूत हैं।