Award : नीरज चोपड़ा-अवनि लेखरा खेल रत्न से सम्मानित

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में 62 खिलाड़ियों खेल अवॉर्ड (Award) से सम्मानित किया। समारोह में 12 को खेल रत्न, 35 को अर्जुन और 10 को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। अवॉर्ड की शुरुआत सबसे पहले टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा से हुई।

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इन खिलाड़ियों को मिला खेल रत्न

समारोह में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड नीरज चोपड़ा के अलावा रवि कुमार दहिया (कुश्ती), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी), पीआर श्रीजेश (हॉकी), अवनि लेखारा (पैरा शूटिंग), सुमित अंतिल (पैरा ऐथलेटिक्स), प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन), कृष्णा नागर (पैरा बैडमिंटन), मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग), मिताली राज (क्रिकेट), सुनील छेत्री (फुटबॉल), मनप्रीत सिंह (हॉकी) को दिए गए।

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नीरज चोपड़ा पहले एथलीट 

हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक 2021 में एथलेटिक्स में देश के लिए ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले एथलीट हैं। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। नीरज इंटरनेशनल स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं। वे 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, जबकि उन्होंने 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।

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अवनि लेखरा (पैरा शूटिंग) 

जयपुर निवासी अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। फाइनल में उन्होंने 249.6 पॉइंट हासिल कर उन्होंने यूक्रेन की इरिना शेटनिक के रिकॉर्ड की बराबरी भी की थी। अवनि देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी थी जिन्होंने शूटिंग में ओलंपिक या पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता हो। जयपुर की रहने वाली अवनि ने 9 साल पहले कार एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। अवनि के पिता प्रवीण लेखरा रेवेन्यू अपील अधिकारी हैं और फिलहाल गंगानगर में पोस्टेड हैं।

कृष्णा नागर का सफर  

जयपुर निवासी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वो पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन लंबाई कम होने के कारण उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। इसमें वे काफी अच्छे डिफेंडर भी बन गए थे, लेकिन लंबाई की वजह से उन्होंने वॉलीबॉल भी खेलना छोड़ दिया था। कृष्णा के पिता ने उन्होंने बैडमिंटन खेलने की सलाह दी और कृष्णा को सवाई मानसिंह स्टेडियम लेकर गए। जहां साल 2017 से उन्होंने बैडमिंटन खेलना स्टार्ट किया। कृष्णा ने पिछले चार साल जमकर मेहनत की और भारत को गोल्ड दिलाया।

कृष्णा नागर की मां का निधन

भारतीय शटलर कृष्णा नागर को शनिवार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था, लेकिन अब वह इस सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएं।  क्योंकि सम्मान समारोह से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को कृष्णा की मां का आकस्मिक निधन हो गया है। इस वजह से अब वह इस सम्मान समारोह में नहीं जा पाए।

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