आज़ादी के 75 वर्ष… इन घटनाओं ने बदला खेलों का मिजाज, प्रेरणादायक कहानी लिख रहे युवा खिलाड़ी

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75 years of independence... how much changed the mood of sports, young players writing inspirational story

नई दिल्ली। आज़ादी के 75 वर्ष: भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज़ादी के 75 वर्ष के जश्न में देश डूबा हुआ है। इस पूरे कालाखंड में देश ने हर क्षेत्र में अनगिनत उपलब्धियां हांसिल की हैं। खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने देशवासियों को जश्न मनाने के ऐसे अनगिनत पल दिए हैं। 1947 से लेकर 2022 तक भारतीय खिलाड़ियों ने देश को समय-समय पर गौरवान्वित भी किया। 1983 में भारत ने ला‌र्ड्स मैदान पर पहली बार विश्व कप जीता, जबकि पिछले ओलिंपिक में भी झंडा ऊंचा किया और अब कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारतीय खिलाड़ियों ने तिरंगे को सम्मान दिलाया। ऐसे ही कुछ पलों और खिलाड़ियों को हम आपके लिए लाए हैं।

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London Olympics में Hockey में स्वर्ण पदक (1948)

भारतीय पुरुष हाकी टीम स्वतंत्रता से पहले तीन बार ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी थी, लेकिन आजादी मिलने के बाद टीम ने 1948 लंदन ओलिंपिक में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर स्वर्ण जीता था।

Asian Games की मेजबानी (1951)

भारत को पहली बार एशियन गेम्स की मेजबानी 1951 में मिली। आजादी के बाद यह पहला बड़ा टूर्नामेंट था जिसका आयोजन भारत में हुआ था। एशियन गेम्स नई दिल्ली में चार से 11 मार्च तक कराए गए थे। इसमें आठ खेलों में 57 प्रतियोगिताएं हुई और कुल 489 एथलीटों ने इसमें हिस्सा लिया था।

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भारतीय फुटबाल टीम ने Asian Games में जीता स्वर्ण (1951)

आज भले ही भारतीय पुरुष फुटबाल टीम की हालत ज्यादा बेहतर ना हो, लेकिन 1951 के दौर में इस टीम ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। टीम ने इस प्रदर्शन को फिर 1962 में भी दोहराया था।

Olympics में केडी जाधव ने जीता था पहला व्यक्तिगत पदक (1952)

केडी जाधव स्वतंत्र भारत में व्यक्तिगत तौर पर ओलिंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। 1952 हेलसिंकी ओलिंपिक में जाधव ने फ्री स्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। यह कुश्ती में भी भारत का पहला ओलिंपिक पदक था।

Wimbledan के सेमीफाइनल में पहुंचे रामनाथन (1960)

भारत का कोई भी खिलाड़ी विंबलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम के पुरुष सिंगल्स वर्ग में अब तक इतना आगे नहीं बढ़ा है जितना रामनाथन कृष्णन गए हैं। रामनाथन 1960 और 1961 में विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे।

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Hockey World Cup में जीता स्वर्ण (1975)

भारतीय पुरुष हाकी टीम ने मलेशिया के कुआलालंपुर में 1975 में हुए हाकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था। पुरुष हाकी विश्व कप का यह तीसरा संस्करण था और फाइनल में भारत ने गोल के अंतर से पाकिस्तान को 2-1 से मात दी थी। भारत के लिए सुरजीत सिंह और अशोक कुमार ने गोल दागे थे।

पहली बार जीता Cricket World Cup (1983)

भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार कपिल देव की कप्तानी में 1983 में विश्व कप जीता। इस टूर्नामेंट में आठ देशों ने भाग लिया था और भारत ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा।

पहली बार टी-20 विश्व कप का खिताब (2007)

भारत की युवा टीम ने महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई में दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी-20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। उस वक्त यह क्रिकेट का नया प्रारूप था, जिसके खिताबी मुकाबले में भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को मात दी थी।

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IPL की शुरुआत (2008)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की शुरुआत की। यह फ्रेंचाइजी टीमों की लीग है जिसने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में एक गहरी छाप छोड़ी। आइपीएल में भारत और दुनिया भर के दिग्गज क्रिकेटरों के साथ ही देश के उभरते हुए खिलाड़ी खेलते हैं और यह लीग क्रिकेट की सबसे सफल लीग में से एक है। आइपीएल के पहले संस्करण का खिताब राजस्थान रायल्स ने जीता था, जबकि इस लीग की सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस है जिसने पांच बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीता है।

अभिनव ने Olympics में जीता पहला व्यक्तिगत स्वर्ण (2008)

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में पुरुष 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। वह पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने थे, जिन्होंने किसी ओलिंपिक में व्यक्तिगत वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। अभिनव के एक स्वर्ण पदक के अलावा भारत ने बीजिंग ओलिंपिक में दो कांस्य पदक भी अपने नाम किए थे।

पहली बार भारत में हुए Commonwealth Games (2010)

कामनवेल्थ गेम्स जैसे बहुदेशीय टूर्नामेंट का आयोजन पहली बार भारत में किया गया। यह टूर्नामेंट नई दिल्ली में तीन से 14 अक्टूबर तक किया गया था। इसमें कुल 6081 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। मेजबान भारत ने 38 स्वर्ण पदक सहित कुल 101 पदक जीते थे और वह पदक तालिका में पहली बार दूसरे स्थान पर रहा था।

दूसरी बार जीता क्रिकेट विश्व कप (2011)

भारत ने 28 साल के लंबे अंतराल के बाद महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में वनडे क्रिकेट विश्व कप जीता था। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर इसका खिताब अपने नाम किया था। यह विश्व कप कई मायनों में अहम था। इसकी मेजबानी भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से की थी और फाइनल मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। यह भारत के महान क्रिकेटर में से एक सचिव तेंदुलकर का आखिरी विश्व कप भी था।

चैंपियंस ट्राफी का मिला खिताब (2013)

आइसीसी चैंपियंस ट्राफी 2013 का आयोजन इंग्लैंड और वेल्स में किया गया था। भारत ने इसके फाइनल में मेजबान इंग्लैंड को पांच रन से हराकर इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था। भारत का चैंपियंस ट्राफी का यह दूसरा खिताब था। इसके साथ ही तत्कालीन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भारत के ऐसे एकमात्र कप्तान बने, जिनके नेतृत्व में भारत ने तीनों आइसीसी टूर्नामेंट जीते थे।

भारत में हुआ U-17 Fifa World Cup (2017)

भारत ने 2017 में पुरुष अंडर-17 फुटबाल विश्व कप की मेजबानी की थी। यह टूर्नामेंट छह से 28 अक्टूबर तक आयोजित हुआ था। यह पहली बार था जब भारत ने किसी फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी की थी।

PV Sindhu बनीं विश्व चैंपियन (2019)

भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने बासेल में हुए 2019 विश्व चैंपियनशिप में महिला सिंगल्स वर्ग का खिताब जीता था। वह देश की पहली और एकमात्र खिलाड़ी हैं जो बैडमिंटन विश्व चैंपियन हैं। इसके अलावा वह भारत की ऐसी दूसरी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में दो पदक अपने नाम किए हैं। सिंधू 2016 रियो ओलिंपिक की रजत पदक और 2021 टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता हैं।

Tokyo Olympics में किया अच्छा प्रदर्शन (2021)

भारतीय एथलीटों ने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में शानदार प्रदर्शन किया था। भारत ने उस ओलिंपिक में कुल सात पदक जीते थे। भारत को इन खेलों में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक मिले थे। भारत ने टोक्यो ओलिंपिक में कुल मिलाकर बेहतर प्रदर्शन किया था।

पहली बार Chess Olympiad का आयोजन (2022)

भारत में पहली बार शतरंज ओलिंपियाड का आयोजन किया गया। इस टूर्नामेंट का आयोजन तमिलनाडु के मामल्लापुरम में 28 जुलाई से नौ अगस्त तक हुआ। पहले इसका आयोजन मास्को में होना था, लेकिन रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह से भारत को इसकी मेजबानी मिली और भारत ने सफलतापूर्वक इसका आयोजन किया।

इन खिलाड़ियों ने खेल में बनाई पहचान

मिल्खा सिंह (Athletics)

फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर भारत के फर्राटा धावक मिल्खा सिंह देश के एकमात्र एथलीट हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स और कामनवेल्थ गेम्स में 400 मीटर में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। मिल्खा सिंह ने 1958 और 1962 एशियन गेम्स में स्वर्ण जीता था और उन्होंने 1956, 1960 और 1964 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

पीटी उषा (Athletics)

भारतीय महिला स्प्रिंटर पीटी उषा देश में बेहतरीन एथलीटों में से एक हैं। उन्होंने एशियन गेम्स में चार स्वर्ण और सात रजत पदक अपने नाम किए हैं। उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें भारतीय ट्रैक एंड फील्ड की क्वीन कहा जाता है। पीटी उषा फिलहाल राज्यसभा की सांसद हैं।

सचिन तेंदुलकर (Cricket)

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में क्रिकेट में पदार्पण किया था। सचिन ने भारत के लिए छह विश्व कप खेले थे और उनके नाम दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकार्ड है। सचिन के नाम सभी प्रारूप मिलाकर 100 शतक मारने का भी रिकार्ड है जिसे अभी तक दुनिया में कोई नहीं तोड़ सका है। इसके अलावा वह दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे में पहली बार दोहरा शतक जड़ा था। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है।

नीरज चोपड़ा (Athletics)

टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भारत के शीर्ष भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने पिछले कुछ वषरें से देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया है। नीरज ने टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, जो इन खेलों में भारत का पहला स्वर्ण पदक था। नीरज ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने वाले पहले ट्रैंक एंड फील्ड एथलीट बने थे। उन्होंने इस साल विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता था। नीरज का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर का है, जो उन्होंने इस साल स्टाकहोम डायमंड लीग में बनाया था। यह एक राष्ट्रीय रिकार्ड भी है। ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने के साथ ही नीरज ने 2018 एशियन गेम्स और 2018 कामनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।

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