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टारगेट ओलंपिक-2028, मिशन वन स्टेट-वन गेम

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केंद्र की मोदी सरकार ने शुरू की कार्ययोजना
14 खेल चुने , राज्यों को अलग-अलग जिम्मेदारी 

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने अब भारत को खेलों की दुनिया की महाशक्ति बनाने के लिए बड़े स्तर पर कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक को पीछे छोड़ते हुए अब सीधे ही 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों को लक्ष्य बनाते हुए केंद्र सरकार ने वन स्टेट-वन गेम की पाॅलिसी को अपना लिया है। योजना के तहत सरकार ने 14 खेलों का चयन किया है और इन्हें देश के विभिन्न राज्यों को गोद दे दिया है।


अब इन राज्यों पर ही उनसे संबंधित खेलों के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने और खिलाड़ियों के बेहतर प्रशिक्षण की जिम्मेदारी होगी ताकि वे 2028 के ओलंपिक खेलों में भारत को पदक दिला सकें। सरकार ने 2028 ओलंपिक में मैडल टेली में टॉप-10 देशों में शुमार होने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

वन स्टेट, वन गेम्स के तहत हरियाणा समेत 5 राज्य ओलिंपिक के लिए बॉक्सर तैयार करेंगे। दिल्ली समेत 3 राज्यों ने पहलवानों को तैयार करने की जिमेदारी ली है। मध्य प्रदेश अकेला राज्य होगा, जो निशानेबाज तैयार करेगा। 14 खेलों में आर्चरी, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, रेसलिंग, हॉकी, साइक्लिंग, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस, स्विमिंग, जूडो, फेंसिंग और रोइंग शामिल है।

एक्सीलेंस सेंटर भी होंगे स्थापित

जूडो, हॉकी, फेंसिंग और साइक्लिंग के सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। इन सेंटरों पर जूनियर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के साथ पढ़ाई का भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए कई स्कूलों से करार किया गया है। खेल की लोकप्रियता और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खेल मंत्रालय राज्यों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने और खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग दिलाने में सहयोग करेगा। ऐसा नहीं है कि राज्य अन्य खेलों को भी बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार केवल एक ही खेल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी।

खेल                             राज्य

शूटिंग                    मध्यप्रदेश

वेटलिफ्टिंग             आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुदुचेरी

रोइंग                           अंडमान एंड निकोबार

बॉक्सिंग                      असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम

जूडो                            बिहार, त्रिपुरा

हॉकी                          चंडीगढ़, ओडिशा, पंजाब, उत्तरप्रदेश

आर्चरी                        छत्तीसगढ़, झारखंड, लद्दाख, राजस्थान, सिक्किम

साइकिलिंग                इस खेल के लिए किसी राज्य ने इच्छा नहीं जताई

टेबल-टेनिस               पश्चिम बंगाल, दादर एंड नगर हवेली, दमन एंड दीव, तमिलनाडु

स्विमिंग                       गोवा, कर्नाटक

फेंसिंग                        जम्मू-कश्मीर

बैडमिंटन                    तेलंगाना

रेसलिंग                       दिल्ली, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड

एथलेटिक्स                  उत्तराखंड, गुजरात, केरल, लक्ष्यदीप

टोक्यो के लिए हरियाणा से 4 बॉक्सर क्वालिफाई

देश को ओलिंपिक बॉक्सिंग में पहला मेडल विजेंद्र सिंह ने 2008 के बीजिंग गेम्स में दिलाया था। वहीं, 2020 टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले 9 मुक्केबाजों में से 4 हरियाणा से ही हैं। इसमें पूजा रानी, अमित पांघल, विकास कृष्णन और मनीष कौशिक शामिल हैं। हरियाणा के रोहतक में नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी भी स्थापित की गई है। हरियाणा के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में भी बॉक्सिंग लोकप्रिय है। टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई करने वाली महिला मुक्केबाज लवलीना और एमसी मैरीकॉम यहीं से आती हैं।

कुश्ती का जिम्मा दिल्ली, नगालैंड और महाराष्ट्र को

दिल्ली, नगालैंड और महाराष्ट्र अपने राज्य में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं। इन राज्यों ने वन स्टेट, वन गेम्स के तहत कुश्ती को गोद लिया है और ये ओलिंपिक के लिए पहलवान तैयार करेंगे। देश को कुश्ती में दो ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले सुशील कुमार ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ही खेल की बारीकियां सीखीं हैं। वहीं, लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाले योगेश्वर दत्त भी दिल्ली में ही प्रैक्टिस करते हैं। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले दीपक कुमार और बजरंग पूनिया ने भी इसी स्टेडियम से अपने करियर की शुरुआत की है।

महाराष्ट्र के पहलवानों का भी बेहतर प्रदर्शन

राष्ट्रीय स्तर पर भी दिल्ली और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के पहलवानों का दबदबा रहा है। देश को कुश्ती में 1952 में ओलिंपिक में पहला मेडल महाराष्ट्र के केडी जाधव ने ही दिलाया था। वहीं, महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव ने 2016 में रियो गेम्स के लिए क्वालिफाई किया था, लेकिन डोपिंग में फंसने के कारण वह नहीं खेल पाए।

मध्यप्रदेश में तैयार होंगे निशानेबाज

मध्यप्रदेश ने ओलिंपिक के लिए शूटर तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। राज्य सरकार की ओर से भोपाल में इंटरनेशनल शूटिंग रेंज बनाया गया है। मध्यप्रदेश के शूटर पिछले कुछ सालों से नेशनल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रैप शूटिंग में मध्यप्रदेश का दबदबा है। मध्यप्रदेश की चिंकी यादव ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में टोक्यो गेम्स के लिए देश को ओलिंपिक कोटा दिलाया है।

5 राज्य तीरंदाजी को बढ़ावा देंगे

झारखंड, राजस्थान, छतीसगढ़, सिक्किम और लद्दाख आर्चरी को बढ़ावा देंगे। झारखंड में टाटा की आर्चरी अकेडमी है। यहां से कई तीरंदाज देश के लिए इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। राजस्थान के कई गांवों में आर्चरी काफी लोकप्रिय है। लिम्बा राम जैसे तीरंदाज राजस्थान ने देश को दिए हैं।

ओलिंपिक में इन 14 खेलों में भारत का प्रदर्शन

खेल मंत्रालय ने जिन 14 खेलों को वन स्टेट और वन गेम्स के तहत शामिल किया है, उसमें भारत ने अब तक कुल 24 मेडल जीते हैं। हॉकी में भारत ने अब तक 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं जबकि कुश्ती में कुल 4 पदक जीते हैं। इसमें एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं। वेटलिफ्टिंग में भारत ने इकलौता मेडल 2000 के सिडनी ओलिंपिक में जीता था। तब मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। बैडमिंटन में दो मेडल मिले हैं। पीवी सिंधु ने रियो ओलिंपिक में सिल्वर और साइना नेहवाल ने लंदन गेम्स में कांस्य जीता था। 

बॉक्सिंग में 2 और शूटिंग में 4 मेडल

अब तक हुए ओलिंपिक में बॉक्सिंग में दो मेडल मिले हैं। महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम और विजेंद्र कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं, शूटिंग में एक गोल्ड सहित चार मेडल मिले हैं। अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड, विजय कुमार और राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

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