ब्रिस्बेन। Ashwin : दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर्स में शुमार भारत के आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। ब्रिस्बेन टेस्ट के आखिरी दिन अश्विन ने अचानक ही अपने संन्यास का ऐलान किया। उनके इस फैसले ने हर किसी को चौंका दिया। फैंस आवाक थे क्योंकि अश्विन अभी भी लगातार विकेट हांसिल कर रहे थे और ऐसा कोई दूसरा स्पिनर ऐसा भी नहीं था, जो अश्विन को रिप्लेस कर सके। इसके बाद भी Ashwin ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इस स्टोरी में जानिए अश्विन के इस फैसले की इनसाइट स्टोरी
Ashwin, the Match winner 🙌
Ashwin, the Centurion 💯
Ashwin, the Magician with the ball 🪄
Ashwin, the Team man 🤝International cricket will miss them all ❤️#TeamIndia | #ThankYouAshwin | @ashwinravi99 pic.twitter.com/ThvJ7pwRNT
— BCCI (@BCCI) December 18, 2024
बेहतर होगा अलविदा कह दूं
’अगर अभी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो बेहतर होगा कि मैं खेल को अलविदा कह दूं।’ ये बात Ashwin ने कप्तान रोहित शर्मा को अपने चौकाने वाले रिटायरमेंट के फैसले से पहले कही था। सूत्रों का कहना है कि 14 साल तक भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले अश्विन के दिमाग में न्यूजीलैंड से सीरीज हार के बाद से ही संन्यास लेने का प्लान चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने टीम मैनेजमेंट को साफ कह दिया था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज की प्लेइंग इलेवन में अगर जगह नहीं बनती है तो वह टीम के साथ ट्रैवल नहीं करेंगे।
Numbers that spin a tale of greatness 🙌
3⃣ Formats
🔝 Numbers
♾ Countless memories
1⃣ Champion Cricketer #ThankYouAshwin | #TeamIndia | @ashwinravi99 pic.twitter.com/Die36HBJEE— BCCI (@BCCI) December 18, 2024
रोहित ने पिंक बाल टेस्ट के लिए मनाया
अश्विन को न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई सीरीज के 3 मैचों में दो टर्निंग ट्रैक (मुंबई और पुणे) को मिलाकर 9 विकेट मिले थे। वहीं सुंदर ने मात्र 2 मैचों में 16 विकेट झटके थे। सीरीज के पहले टेस्ट में रोहित मौजूद नहीं थे। इसके बाद कोच गौतम गंभीर ने भारत की प्लेइंग इलेवन फाइनल की थी। जिसमें भारत के नंबर-1 स्पिनर का नाम नहीं था। ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर भी अश्विन पर्थ टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से खुश नहीं थे। भारतीय कप्तान ने कहा, जब मैं पर्थ आया तो अश्विन ने मुझे रिटायरमेंट की बात बताई। मैंने उन्हें पिंक बॉल टेस्ट तक टीम में बने रहने के लिए मनाया था। उन्हें ऐसा लगा कि सीरीज में अब उनकी और जरूरत नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि जब Ashwin जैसा खिलाड़ी जिसने भारतीय टीम के साथ बहुत सारे पल बिताए हैं और जो हमारे लिए मैच विनर हो, उसे इस तरह का फैसला लेने की छूट दी जाए।
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ये रहे अश्विन के संन्यास के बड़े कारण
– 38 साल की उम्र में 537 टेस्ट विकेट लेने के बाद अश्विन ड्रेसिंग रूम में प्लेइंग इलेवन से बाहर होकर नहीं बैठना चाहते थे। यही कारण है कि उन्होंने न्यूजीलैंड से सीरीज हार के बाद से ही संन्यास का प्लान बना लिया था।
– टीम मैनेजमेंट का पर्थ टेस्ट में अश्विन से पहले वॉशिंगटन सुंदर को प्राथमिकता देना भी उन्हें गलत लगा। यही कारण है कि उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में सीरीज खत्म होने से पहले रिटायरमेंट ले लिया। इंटरनेशनल क्रिकेट के स्मार्ट क्रिकेटर Ashwin को शायद अंदाजा हो गया था कि आगे टीम किसी युवा प्लेयर को लाने के बारे में सोच रही है।
One of @bcci’s greatest match-winners – a magician with the ball and an astute thinker of the game. An international career to be proud of @ashwinravi99, wishing you the best for the future. pic.twitter.com/6RKbiG8jsw
— Jay Shah (@JayShah) December 18, 2024
भारत ने दिया 3 टेस्ट में 3 स्पिनर्स को मौका
भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती 3 टेस्ट में भारत ने 3 अलग-अलग स्पिनर्स को मौका दिया। पर्थ टेस्ट में Ashwin की जगह वॉशिंगटन सुंदर को खिलाया था। बाद में कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के बाद अश्विन पिंक-बॉल टेस्ट खेले थे। वहीं गाबा टेस्ट में लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को मौका मिला। बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि अश्विन भारत के लिजेंडरी क्रिकेटर हैं, उनके पास अधिकार है कि वे अपने फैसले स्वयं लें। इसमें सलेक्शन कमेटी का कुछ लेना-देना नहीं है। अगले साल जून-जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में भारत शायद दो से ज्यादा स्पिनर्स ऑलराउंडर नहीं लेकर जाएगा।