ब्रिस्बेन। IND vs AUS: एडिलेड में जिस बात का डर था वही हुआ। पिंक बॉल से एक बार फिर टीम इंडिया को शर्मसार होना पड़ा। बल्लेबाजों ने तो नाक कटाई ही, इसके साथ ही टीम के गेंदबाज भी पूरी तरह से बेअसर दिखाई दिए। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट को 10 विकेट से अपने नाम कर लिया। पर्थ में मिली 1-0 की बढ़त एडिलेड में कंगारुओं ने बराबर कर दी। इस हार पर भारतीय टीम मैनेजमेंट को मंथन करने की जरूरत है, क्योंकि जिन खिलाडिय़ों से मुश्किल हालातों में टीम को संभालने की उम्मीद की जाती है, वो ही कंगारू धरती पर औंधे मुंह गिरे हैं। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को अपने नाम करना है और अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला टीम इंडिया को खेलना है, तो सीनियर प्लेयर्स से उनके खराब प्रदर्शन का हिसाब मांगना होगा। ब्रिस्बेन के गाबा में होने वाले अगले मैच को जीतकर अगर भारत सीरीज में लीड बनाना चाहता है तो उसे चार जरूरी बदलाव करने होंगे।
Rohit Sharma sheds light on the pink ball Test defeat and India’s way ahead for the rest of the series.#WTC25 | #AUSvINDhttps://t.co/eHzbENokTx
— ICC (@ICC) December 8, 2024
हर्षित राणा कमजोर कड़ी, अश्विन पर भी उठे सवाल
आकाश दीप को हर्षित राणा की जगह लेनी चाहिए, क्योंकि राणा IND vs AUS एडिलेड टेस्ट में किसी भी तरह का प्रभाव नहीं डाल पाए थे। दरअसल, वह भारत की गेंदबाजी की सबसे कमजोर कड़ी थे। राणा तीसरे गेंदबाज के तौर पर बुमराह और सिराज को किसी भी तरह का सपोर्ट देने में नाकाम रहे। पहली पारी में हर्षित राणा ने 16 ओवर में 5.37 की औसत से 86 रन दिए। जबकि दूसरी पारी में उन्हें रोहित शर्मा ने गेंदबाजी पर ही नहीं लगाया। एडिलेड में बतौर ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन को 10 में से सिर्फ तीन नंबर ही मिलने चाहिए। बल्लेबाजी में उन्होंने 14 गेंद में सिर्फ सात रन का योगदान दिया तो गेंदबाजी में 18 ओवर में 53 रन खर्च करते हुए सिर्फ एक विकेट ही हासिल कर पाए। वह इस मैच में भारत के एकमात्र स्पिनर थे। ऐसे में अगले मैच में अश्विन को बाहर कर दोबारा वाशिंगटन सुंदर पर भरोसा जताना चाहिए।
खुद को ड्रॉप करेंगे रोहित?, बल्लेबाजों की साख दांव पर
कायदे से देखा जाए तो रोहित शर्मा को IND vs AUS अगले मैच में खुद को ही ड्रॉप कर देना चाहिए और सरफराज खान या फिर ध्रुव जुरेल जैसे युवा बल्लेबाजों के लिए रास्ता बनाना चाहिए। पिछली 10 टेस्ट पारियों में रोहित शर्मा के रिकॉर्ड्स देखकर आपको शर्म आ जाएगी। मगर वह तो टीम के कप्तान हैं। उनका खेलना तय है। अगर वह अगले मैच में खेलते हैं तो उन्हें पारी की शुरुआत ही करनी चाहिए क्योंकि छठे नंबर पर वह पूरी तरह फेल साबित हुए। चौथा और सबसे अहम बदलाव भारतीय बल्लेबाजों के दृष्टिकोण और मानसिकता में आना होगा। टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों, खासतौर पर विराट कोहली को अपने डिफेंस पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए और लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने की कोशिश करनी चाहिए। यही एकमात्र तरीका है जिससे वे ऑस्ट्रेलियाई टीम को ब्रिसबेन में पीछे धकेल सकते हैं।
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बड़ा सवाल, एडिलेड में मिली हार का कसूरवार कौन?
एडिलेड में टीम इंडिया खेल के तीनों ही विभाग में चारों खाने चित हुई। बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह दोनों ही पारियों में सस्ते में चलते बने। IND vs AUS पर्थ टेस्ट में अच्छी लय में दिखने वाले केएल राहुल एडिलेड में बुरी तरह से फ्लॉप रहे। शुभमन गिल ने आगाज तो अच्छा किया, लेकिन हर बार अपनी पारी को अंजाम तक नहीं पहुंच सका। विराट कोहली की बल्लेबाजी को देखकर लगा कि अभी उनका खराब दौर खत्म ही नहीं हुआ है। नंबर छह पर उतरने का कप्तान रोहित का फैसला एकदम गलत साबित हुआ। वहीं, ऋषभ पंत भी पिंक बॉल से टीम की इस बार लाज बचाने में नाकाम रहे।