कोलंबो। भारतीय क्रिकेट टीम के दौरे से पहले श्रीलंका क्रिकेट में भूचाल आ गया है। टीम के टेस्ट कप्तान दिमुथ करुणारत्ने के नेतृत्व में दिनेश चांदीमल और एंजेलो मैथ्यूज सहित श्रीलंका के प्रमुख क्रिकेटरों ने बोर्ड द्वारा पेश किए गए केंद्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। उनका मानना है कि उन्हें मिलने वाली राशि अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। यदि समय रहते विवाद नहीं सुलझा तो जुलाई में भारत के साथ सीरीज पर इसका अच्छा असर पड़ सकता है। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और उसे उम्मीद है कि भारत के खिलाफ सीरीज से उसकी अच्छी कमाई होगी।
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खिलाड़ियों के पास 3 जून तक हस्ताक्षर करने का समय
टेस्ट कप्तान करुणारत्ने, मैथ्यूज, चांदीमल और सहित लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने एक बयान में कहा है कि फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन (FICA) की रिपोर्ट के अनुसार कुछ अन्य क्रिकेट खेलने वाले देशों की तुलना में खिलाड़ियों को प्रस्तावित वेतन एक तिहाई है। SLC ने इस सप्ताह कहा कि 24 प्रमुख खिलाड़ियों को 4 श्रेणियों के तहत अनुबंध की पेशकश की गई है और उनके पास इसपर हस्ताक्षर करने के लिए 3 जून तक का समय है।
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ए श्रेणी में केवल छह खिलाड़ी
जारी की गई श्रेणियों में केवल छह खिलाड़ी ए श्रेणी में हैं और उनका वार्षिक वेतन 70 हजार अमरिकी डॉलर से 1लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 51 लाख से 73 लाख रुपये) के बीच है। बल्लेबाज धनंजय डी सिल्वा को सबसे अधिक एक लाख डॉलर (करीब 73 लाख रुपए) मिलेंगे। इसके अलावा बाकी को 70-80 हजार अमेरिकी डॉलर (करीब 51 लाख से 58 लाख रुपये) का भुगतान होगा। तुलना की जाए तो भारत के ग्रुप सी (सबसे निम्न श्रेणी) के खिलाड़ी को सालाना 1 करोड़ रुपए (137,000 अमरिकी डालर) की राशि मिलती है।
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पिछले प्रदर्शन के आधार पर कठोऱ निर्णय
श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वे खिलाड़ियों के भुगतान का विवरण सार्वजनिक होने के SLC के निर्णय से हैरान और निराश हैं। उन्हें लगता है कि इसे सार्वजनिक किए जाने से उनके मन को प्रभावित किया है। SLC की क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के अध्यक्ष अरविंद डी सिल्वा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन के आधार पर कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।