लखनऊ। जिन्होंने क्रिकेट को जिया ही नहीं बल्कि क्रिकेट उनके खून में बह रहा था। ऐसे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और यूपी सरकार में मंत्री Chetan Chauhan का 73 साल की उम्र में निधन हो गया। लेकिन क्रिकेट को लेकर उनका जुनून हमेशा याद रहेगा। आज जब अधिकांश बड़े खिलाड़ी टीम की नहीं बल्कि अपने स्कोर की चिंता ज्यादा करते हैं, वहीं चेतन चैहान ऐसे बिरले खिलाड़ी रहे, जिसने कभी अपने शतक की चिंता की ही नहीं। उनके आंकड़े इस बात के गवाह हैं। जो बताते हैं कि वो 80 से 97 रन के बीच नौ बार आउट हुए।
Chetan Chauhan का पूरा नाम चेतेंद्र प्रताप सिंह चैहान था। क्रिकेट में कई अविस्मरणीय पारियां खेलने वाले चेतन चैहान अपने करियर में कभी शतक नहीं बना पाए। एक बार जब उनसे किसी रिपोर्टर ने यह सवाल पूछा तो वे सिर्फ हंसकर चले गए। चेतन खुद कहते थे कि उन्हें शतक नहीं बना पाने का कोई अफसरोस नहीं है। टीम के लिए खेलना ज्यादा जरूरी है।
चेतन ने अपने करियर में 1969 से 1981 तक 40 टेस्ट मैच खेले और 2080 रन बनाए। वे टेस्ट क्रिकेट के ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने बिना शतक के 2000 रन पूरे किए थे।
गावस्कर के साथ थी सलामी जोड़ी
Chetan Chauhan टेस्ट क्रिकेट में ओपनर के तौर पर खेलते थे। और उनके जोड़ीदार थे महान बल्लेबाज Sunil Gawaskar। चेतन और गावस्कर में खूब छनती थी। चैहान उन पहले बल्लेबाजों में से थे, जिन्होंने हेलमेट लगाकर बैटिंग शुरू की। जबकि इसके उलट सामने के छोर पर खेलने वाले उनके साथी गावस्कर ने कभी हेलमेट लगाया ही नहीं। दोनों आंखों के इशारों से समझ जाते थे कि क्रीज पर दूसरा क्या करना चाह रहा है। चेतन ने अपने करियर में बॉब विलिस, माइक हेंड्रिक्स, इयान बाथम, डेनिस लिली, लेन पेस्कोए और रोडनी हॉग जैसे खतरनाक गेंदबाजों का सामना किया।
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1981 के टेस्ट का वो वाकया…
बात 1981 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के तीसरे टेस्ट मैच की है। मैच की पहली पारी में 182 रन से पिछड़ने के बाद भारत ने दूसरी पारी में 324 रन बना लिए थे, जब गावस्कर 70 रनों के स्कोर पर खेल रहे थे। इसी स्कोर पर अंपायर ने गावस्कर को डेनिस लिली की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया। गावस्कर ने इसका विरोध किया और पिच पर खड़े रहे। वहीं, डेनिस लिली ने उनके पास जाकर पैड की तरफ इशारा किया कि गेंद यहां लगी है। बस बात बहस में बदल गई।
और ऐसे बचाया गावस्कर को बैन से
गावस्कर को लगा कि उन्हें गलत आउट दिया गया है। वे अंपायर के निर्णय से नाराज थे। उन्होंने Chetan Chauhan का हाथ पकड़कर पवेलियन की और लौटना शुरू कर दिया। चैहान ने उन्हें समझाया भी कि ऐसा करना गलत होगा लेकिन गावस्कर नहीं माने। इस पर चैहान ने टीम मैनेजर को इशारा किया और बुलाया। टीम मैनेजर ग्रुप कैप्टन शाहिद अली खां दुर्रानी ने चेतन को वापस मैदान में धकेल दिया। इस वाकये को याद करते हुए चेतन चैहान कहते थे कि अगर वे मैदान से बाहर चले जाते तो उन्हें प्रतिबंध का सामना करना पड़ता। हालांकि बाद में भारत ने यह टेस्ट मैच जीत भी लिया था।
ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट की जीत के सारथी थे Chetan Chauhan
Chetan Chauhan कई बार भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर भी रहे। जब भारत ने सौरव गांगुली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम का टेस्ट विजयी रथ कोलकाता में रोका था तब दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण को नम्बर तीन पर खिलाने वाले Chetan Chauhan ही थे। क्योंकि वह टीम के मैनेजर थे। उसके बाद भारत ने ना सिर्फ टेस्ट मैच जीता वरन लक्ष्मण ने 281 रनों की एतिहासिक पारी भी खेली थी। चेतन चैहान ऐसे ना जाने कितने किस्सों के गवाह बने।