BCCI को डेक्कन चार्जर्स नहीं देने पड़ेंगे 4800 करोड़ रुपए, जानिए क्यों

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नई दिल्ली।  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।  BCCI को अब IPL की टीम रही डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपए का हर्जाना नहीं देना पड़ेगा। न्यायामूर्ति जीएस पटेल की खंडपीठ ने पंचाट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें BCCI को जुर्माने के तौर पर डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपए देने के लिए कहा गया था। वर्ष 2009 में IPL का खिताब जीतने वाली डेक्कन चार्जर्स ने BCCI के खिलाफ उसे आईपीएल से गलत तरीके से हटाने का आरोप लगाते हुए केस किया था।

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ये था पूरा मामला 
वर्ष 2012 में BCCI ने डेक्कन चार्जर्स का IPL से कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया था। हैदराबाद से संबंध रखने वाली इस फ्रेंचाइजी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को अदालत में चुनौती थी। डेक्कन चार्जर्स ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस मामले की जांच करने के लिए कोर्ट ने रिटायर्ड जज सी के ठक्करक को आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था। Olympic खेलों में फाइनल से पहले यदि खिलाड़ी Corona संक्रमित,तो मिलेगा ये पदक

पंचाट ने BCCI के खिलाफ दिया था फैसला

पंचाट ने इस मामले में फैसला डेक्कन चार्जर्स के पक्ष में सुनाया था। सुनवाई के दौरान डेक्कन चार्जर्स ने 6046 करोड़ रुपये के हर्जाने और ब्याज की मांग BCCI से की थी। वहीं बीसीसीआई ने डेक्कन चार्जर्स के अनुबंध को रद्द करने के निर्णय के पीछे पूरा तर्क दिया था। लेकिन फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के खिलाफ गया।

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BCCI ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

पिछले साल जुलाई में पंचाट ने BCCI के साथ विवाद में डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड के पक्ष में फैसला देते हुए बीसीसीआई को DCHL को 4800 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर देने को कहा था। जिसके बाद बीसीसीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले को चुनौती दी। जिसके बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीसीसीआई के पक्ष में फैसला दिया है।

BCCI ने वर्ष 2012 में फ्रेंचाइजी को कर दिया था बर्खास्त

IPL की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। 2009 में एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में टीम ने IPL खिताब जीता। डेक्कन चार्जर्स आईपीएल की शुरुआती टीमों में से एक थी और उसने बीसीसीआई से 10 साल का करार किया था। जबकि साल 2012 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने फ्रेंचाइजी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए बर्खास्त कर दिया था।

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